कड़ी सुरक्षा के बीच 7 हजार युवाओं ने दी एचसीएस की परीक्षा
परीक्षा का रविवार को पंचकूला में आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन की ओर से हरियाणा सिविल सर्विस की परीक्षा का रविवार को पंचकूला में आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेश के विभिन्न कोनों से युवाओं ने आकर पेपर दिया। इस दौरान पुलिस द्वारा परीक्षा केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। सेंटरों पर पेपर देने आए हजारों परीक्षार्थी समय से पहले पहुंच गए थे। कुछेक जो देरी से पहुंचे, उन्हें सेंटर पर मिन्नतें करते हुए देखा गया। पेपर दो सत्रों में लिया गया। सुबह 10 से 12 बजे तक और दोपहर 3 से 5 बजे तक पेपर लिया गया। पेपर देने के बाद कुछ परीक्षार्थियों के चेहरे खिले नजर आए, जबकि कुछ निराश दिखे। तीन से चार केंद्रों पर एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट
तीन से चार परीक्षा केन्द्रों पर एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात रहा। परीक्षा केन्द्रों पर पुरुष कर्मी तैनात रहे। इन परीक्षा केन्द्रों पर लगभग 7 हजार परीक्षार्थी परीक्षा देने पहुंचे। प्रत्येक परीक्षार्थी की पुलिस द्वारा तलाशी ली जा रही थी। परीक्षार्थी को केन्द्र में पैन, व्यक्तिगत पहचान पत्र और परीक्षा प्रवेश पत्र के साथ ही प्रवेश करने दिया गया। इस दौरान जिन महिला परीक्षार्थियों ने आभूषण या धार्मिक चिह्न पहने थे, वह भी उतरवा लिए गए। सभी परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे और जैमर लगाए गए थे। पंचकूला में बनाए गए 27 सेंटर
ऑब्जर्वर एवं फ्लाइंग स्क्वॉयड द्वारा परीक्षा केंद्रों पर जांच की गई। नगर निगम के प्रशासक राजेश जोगपाल, जोकि परीक्षा के ऑब्जर्वर थे, ने कई परीक्षा केंद्रों पर जाकर छापे भी मारे। पंचकूला में बीएन सीसे स्कूल सेक्टर-12ए, न्यू इंडिया सीसे स्कूल सेक्टर-15, भवन विद्यालय सेक्टर-15, चमन लाल डीएवी स्कूल सेक्टर-11, डीएवी सेक्टर-8, डीसी मॉडल स्कूल, हंसराज पब्लिक स्कूल, हरियाणा मॉडल स्कूल, मानव मंगल स्कूल, मोती राम आर्य स्कूल, सतलुज पब्लिक स्कूल, सेंट सोल्जर डिवाइन स्कूल सेक्टर-16, गवर्नमेंट सीसे स्कूल सेक्टर-6, 7 समेत 27 सेंटर बनाए गए थे। दिव्यांगों को सहनी पड़ी दिक्कतें
कुछ दिव्यांग परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। स्कूलों में दिव्यांगों को व्हील चेयर ले जाने के लिए रैंप की सुविधा नहीं थी। साथ ही दूसरी मंजिल पर पेपर रखे गए थे, इसलिए दिव्यांग परीक्षा बड़ी मशक्कत करके ऊपर की मंजिलों तक पहुंचे। दिव्यांगों का कहना था कि आगामी परीक्षाओं में दिव्यांागों के लिए रैंप की व्यवस्था की जानी चाहिए।