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CMO तक पहुंची Lockdown में 5629 शिकायतें, किसी को राशन नहीं मिला तो किसी को इलाज

लॉकडाउन के दौरान हरियाणा मुख्यमंत्री कार्यालय तक 5629 शिकायतें पहुंची। किसी को राशन नहीं मिला तो किसी को इलाज। स्कूल व फैक्ट्री वालों की मनमानी की शिकायतें भी आई।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 12:55 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 12:55 PM (IST)
CMO तक पहुंची Lockdown में 5629 शिकायतें, किसी को राशन नहीं मिला तो किसी को इलाज
CMO तक पहुंची Lockdown में 5629 शिकायतें, किसी को राशन नहीं मिला तो किसी को इलाज

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान सीएम विंडो तक बंद रही, लेकिन सोशल मीडिया खासकर वाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर के जरिये मुख्यमंत्री कार्यालय के पास साढ़े पांच हजार से अधिक शिकायतें पहुंची हैं। इनमें सबसे अधिक शिकायतें खाना या राशन नहीं मिलने की थी, जबकि लॉकडाउन में आने जाने के लिए पास मांगने वालों की भी लंबी कतार लगी रही। कई लोगों ने फैक्ट्री मालिकों व स्कूल संचालकों द्वारा वेतन नहीं दिए जाने तो कुछ ने अस्पतालों में इलाज नहीं मिलने की शिकायतें मुख्यमंत्री कार्यालय में दर्ज कराई हैं।

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मुख्यमंत्री कार्यालय में सीएम विंडो का कार्यभार सीएम के ओएसडी भूपेश्वर दयाल देखते हैं। पूरे लॉकडाउन में सीएम विंडो बंद रही, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय को कुल 5629 शिकायतें मिली हैं। सीएम विंडो पर शिकायतें इसलिए दर्ज नहीं हो पाई, क्योंकि सभी सरकारी दफ्तर बंद थे और उनके निस्तारण की प्रक्रिया भी संभव नहीं थी, इसलिए लोगों ने सीधे मुख्यमंत्री के फेसबुक एकाउंट, ट्विटर और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के वाट्सएप नंबर तथा फेसबुक आइडी पर अपनी समस्याएं सरकार को बताई हैं।

हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान 1447 लोगों ने खाना या राशन नहीं मिलने की दिक्कत से सरकार को अवगत कराया है, जबकि 1248 लोग ऐसे थे, जिन्होंने अलग-अलग कारण बताते हुए आवागमन के लिए पास की अनुमति मांगी। सीएम के ओएसडी भूपेश्वर दयाल के अनुसार पास मांगने के कारणों की पड़ताल करने के बाद नियम के अनुसार 24 घंटे के भीतर यह पास जारी हुए हैं। मेडिकल हेल्प के लिए 341 लोगों ने मुख्यमंत्री कार्यालय का दरवाजा खटखटाया है, जिन्हेंं तुरंत एक घंटे के भीतर इलाज दिलाने का दावा किया गया।

लॉकडाउन के दौरान स्कूलों की मनमानी के केस भी सामने आए हैं। 237 मामलों में स्कूल संचालकों ने कुछ कर्मचारियों को या तो नौकरी से निकाल दिया या फिर उन्हेंं वेतन नहीं दिया। अभिभावकों से फीस मांगने का दबाव बनाया गया। जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से इन समस्याओं के समाधान की दिशा में सीएमओ ने कार्रवाई की है। फोन के जरिये जिला शिक्षा अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर स्कूल संचालकों से बात करने तथा अभिभावकों व निकाले जाने वाले कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के निर्देश मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से दिए गए हैं।

सीएम के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने बताया कि कोरोना काल के दौरान 560 केस ऐसे सामने आए हैं, जिनमें कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया। कुछ कर्मचारियों ने फैक्ट्री मालिकों द्वारा निकाले जाने की शिकायतें भी दर्ज कराई हैं। श्रम विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजकर सरकारी सरकुलर के मुताबिक समस्या का समाधान कराया गया है। 841 मामलों में लोगों ने लॉकडाउन के वायलेंस की शिकायतें अपने पड़ोसियों अथवा जान पहचान के लोगों के विरुद्ध दर्ज कराई हैं, जिस कारण उन्हेंं दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।

300 से ज्यादा शिकायतों में डॉक्टरोंं के कोरोना के संभावित मरीजों को अपने यहां एडमिट नहीं किया। प्राइवेट लैब द्वारा टेस्टिंग के अधिक चार्ज वसूलने की शिकायतें भी आई। भूपेश्वर दयाल के अनुसार इन समस्याओं का समाधान एक घंटे के भीतर हुआ है। अब जबकि अनलाक वन चालू हो चुका है तो सीएम विंडो पर आने वाली शिकायतों व समस्याओं के समाधान की गति को तेज किया जाएगा।

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