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आढ़तियों ने किसानों के खातों में नहीं पहुंचाया 2900 करोड़, अब भेजे जाएंगे नोटिस

हरियाणा के किसानों के खाते में अभी तक 2900 करोड़ रुपये की पेमेंट नहीं पहुंची है। आढ़तियों ने यह राशि अपने पास रोक ली है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 10:40 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 10:40 AM (IST)
आढ़तियों ने किसानों के खातों में नहीं पहुंचाया 2900 करोड़, अब भेजे जाएंगे नोटिस
आढ़तियों ने किसानों के खातों में नहीं पहुंचाया 2900 करोड़, अब भेजे जाएंगे नोटिस

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के किसानों की करीब 2900 करोड़ रुपये की पेमेंट आढ़तियों ने अपने पास रोक ली है। प्रदेश सरकार ने आढ़तियों को इस पेमेंट का भुगतान कर लिया, लेकिन आढ़तियों ने अभी तक यह पेमेंट किसानों के खाते में नहीं डाली है। इससे प्रदेश सरकार खासी नाराज है और इन आढतियों को नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है। यह स्थिति तब है, जब किसान अपनी सहमति से करीब 1800 करोड़ रुपये आढ़तियों से कटवा चुके हैं। किसानों ने बिजाई, खाद, कीटनाशकों की खरीद तथा घरेलू कार्यों के लिए फसल से पहले यह राशि कर्ज के रूप में आढ़तियों से ली थी।

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हरियाणा में गेहूं की खरीद प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। प्रदेश सरकार द्वारा आढ़तियों को 12 हजार 900 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है, जिसमें से 12 हजार 500 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। 400 करोड़ रुपये का भुगतान अभी बाकी है। प्रदेश सरकार के पास शिकायत पहुंची है कि आढ़तियों के पास भुगतान पहुंचने के बावजूद किसानों के खाते में अभी तक पेमेंट नहीं पहुंची है। कई भाजपा विधायकों के साथ-साथ विपक्ष ने भी इस पर सरकार की घेराबंदी की, जिसके बाद सरकार ने पूरा आडिट कराया।

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास के अनुसार करीब 2900 करोड़ रुपये की पेमेंट अभी आढतियों ने किसानों के खाते में नहीं डाली है। यह आढ़ती कितने हैं, इनकी संख्या कल तक पता चलेगी। इन सभी आढ़तियों को नोटिस भेजे जा रहे हैं, ताकि वह ब्याज के साथ किसानों के खाते में उनकी पेमेंट डाल सकें। प्रत्येक आढ़ती को 15 फीसद वार्षिक दर से किसान को ब्याज देना होगा। पीके दास ने बताया कि आढती को तीन दिन के भीतर किसानों के खाते में यह पेमेंट डलवाली थी। तीन दिन के बाद वह किसान को ब्याद के देनदार बन जाते हैं। कई किसान ऐसे हैं, जिन्होंने पांच दिन तक तथा कई ने 15-15 दिन तक पेमेंट किसानों के खाते में नहीं डलवाई है। ऐसा करने वाले प्रत्येक आढती को ब्याज के साथ किसान का पेमेंट करना होगा। 

कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि राज्य में गेहूं की खरीद प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पहली बार सभी पंजीकृत किसानों को एसएमएस भेजकर अपनी फसल बेचने के लिए मंडियों में बुलाया गया था। यह प्रयोग काफी सफल रहा। इसी का नतीजा रहा कि किसी भी मंडी से कोरोना संक्रमण की एक भी रिपोर्ट नहीं आई। यह बेहद सुखद है।

खाद्य एवं आपूर्ति सचिव पीके दास के अनुसार नोटिस तैयार किए जा रहे हैं। आढतियों की संख्या का आंकड़ा सामने आने के बाद शनिवार अथवा सोमवार से आढ़तियों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। यदि किसी आढती ने एक दिन भी किसान की पेमेंट लेट की है तो उन्हेंं भी ब्याज का भुगतान करते हुए किसानों के खाते में बकाया पेमेंट का भुगतान करना होगा। कृषि मंत्री जेपी दलाल के अनुसार हरियाणा के आढ़तियों को यह छूट दी गई थी कि वह किसान की सहमति से अपने द्वारा उन्हेंं दिए गए कर्ज का पैसा काट सकते हैं। करीब 1800 करोड़ रुपये काटने की सहमति किसानों ने आढतियों को दी है।


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