CoronaVirus: हरियाणा के 16 सरकारी विभागों के 250 कर्मचारियों की कोरोना वायरस से मौत
CoronaVirus हरियाणा में कोरोना वायरस के कारण हरियाणा में 16 विभागों के 250 सरकारी कर्मचारियों की मौत हो गई। सर्व कर्मचारी संघ ने हरियाणा सरकार से इन कर्मचारियों के परिवाराें के एक-एक सदस्य को नौकरी देने और 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की।
चंडीगढ़, जेएनएन। CoronaVirus: हरियाणा में सरकारी कर्मचारी भी काफी संख्या में कोरोना वायरस के शिकार हुए हैं। राज्य में कोरोना की दूसरी लहर में 16 विभागों के 250 कर्मचारियों की मौत हो गई। इनमें 23 कर्मचारी नेता शामिल हैं। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने इन मौतों पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए मारे गए सरकारी कर्मचारियों की सहायता की मांग की है। संघ ने कहा है कि राज्य सरकार इन कर्मचारियों के आश्रितों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को पक्की नौकरी दे।
सर्व कर्मचारी संघ ने की 50-50 लाख मुआवजा व एक नौकरी की मांग
सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने सरकार से कोरोना से अकाल मृत्यु का शिकार हुए सभी विभागों के कर्मचारियों की सूची जारी करने की भी मांग की है। उन्होंने बताया कि विभागीय संगठनों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मृतकों में 115 टीचर और करीब 50 बिजली कर्मचारी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के 15, स्वास्थ्य विभाग के 10, रोड़वेज से नौ, शिक्षा विभाग से नौ लिपिक, जन स्वास्थ्य, सिंचाई व बीएंडआर से नौ, राजस्व विभाग से पांच पटवारी, यूनिवर्सिटी से पांच, वन विभाग से चार, पर्यटन से चार, एचएसवीपी से चार, महिला एवं बाल विकास विभाग से दो, मेवात माडल स्कूलों से दो, कृषि ग्रामीण विकास बैंक से दो व आइटीआइ से दो कर्मचारी कोरोना संक्रमण के कारण मौत के मुंह में चले गए।
सर्व कर्मचारी संघ ने कोरोना से मृत्यु का शिकार हुए कर्मचारियों, पेंशनर्स व आमजन की स्मृति में वर्चुअल श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। सभा में नौकरी से बर्खास्त किए स्वास्थ्य ठेका कर्मियों को वापस ड्यूटी पर लेने, सभी कर्मचारियों, पेंशनर्स और आम जनता को फ्री में वैक्सीनेशन करने, सभी कर्मियों को आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने, मेडिकल व पैरामेडिकल और स्पोर्टिंग स्टाफ के रिक्त पदों को भर कर सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने, निजीकरण व ठेका प्रथा समाप्त करने, नियमों में छूट देकर आपातकाल में बिना पैनल के अस्पतालों में ईलाज करवाने के बिलों को पास करने और पुरानी पेंशन व डीए की बहाली की मांगों को प्रमुखता से उठाया।