आरटीआइ का समय पर जवाब न देने पर 25 हजार रुपये जुर्माना
नियमों का उल्लंघन कर परमिशन देना डिप्टी सुपरिंटेंडेंट को भारी पड़ गया।
जासं, पंचकूला : सेक्टर-19 में एससीओ 76 पर नियमों का उल्लंघन कर परमिशन देना डिप्टी सुपरिंटेंडेंट को भारी पड़ गया। डिप्टी सुपरिंटेंडेंट हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा एससीओ-76, सेक्टर-19 में 29 अक्टूबर 2018 को निजी कंपनी का टावर लगाने की परमिशन दी गई थी। जिसके बाद से पंचकूला विकास मंच के सदस्यों द्वारा तथा स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत एचएसवीपी के ईओ, एडमिनिस्ट्रेशन और सीए कार्यलय में दी गई। शिकायत में विकास मंच द्वारा लिखा गया कि यह टावर नियमों के मापदंड पूरे नहीं करता है एवं पहले से लगे दो मोबाइल टावर भी अवैध लगे हुए हैं, जिस पर उचित कार्रवाई करते हुए ईओ आशुतोष राजन ने कंपनी को नोटिस जारी कर काम बंद करने के आदेश दिए। 28 जनवरी 2019 को टावर की परमिशन से जुड़ी फाइल की इन्क्वयारी मांग ली। निचले अधिकारियों की मिलीभगत होने के कारण कंपनी ने अपना काम निरंतर करते रहे और टावर की फाइल घुमाते रहे। शिकायत उच्च अधिकारियों को और लोकल पुलिस स्टेशन में भी दी गई। मंच के सदस्य देवराज शर्मा द्वारा टावर की अनुमति से जुड़े जरूरी नियम एवं दस्तावेज के तहत आरटीआइ दाखिल की गई, जिसका जवाब न मिलने पर अपील लगाई गई। जिस पर जानकारी देने के आदेश किए गए, लेकिन सुपरिंटेंडेंट द्वारा कोई जवाब न दिया गया। एक साल सात महीने बाद 18 जून 2020 को जवाब दिया कि परमिशन नियमों का उल्लंघन कर दी गई है। नियम अनुसार 50 प्रतिशत रिहायशी मकानों की दूरी चाहिये होती है, पर ये टावर 10 मीटर की दूरी पर लगाया गया है, जोकि नियम पूरे नहीं कर रहा और नियम अनुसार जो जरूरी दस्तावेज चाहिए थे, वह भी नहीं लिए गए। अब एचएसवीपी के जवाब पर कमीशन ने आदेश देते हुए डिप्टी सुपरिटेंडेंट पालाराम को 25000 रुपये जुर्माना लगाया है।