श्रीकृष्ण गोशाला सकेतड़ी में कर्मचारियों की लापरवाही, 18 पशुओं की मौत
शाम को कर्मचारियों की लापरवाही से 1
जागरण संवाददाता पंचकूला : श्रीकृष्ण गोशाला सकेतड़ी में शनिवार शाम को कर्मचारियों की लापरवाही से 18 पशुओं की मौत हो गई। पशुओं को दिए जाने वाले चारे में बाजरा मिक्स करने से मौत होने की बात सामने आ रही है। आशंका जताई जा रही है कि बाजरे में पेस्टिसाइड का छिड़काव किया गया था, जिसके चलते इन पशुओं की हालत बिगड़ गई। देखते ही देखते कुछ ही देर में 18 पशु मर गए और अन्य काफी देर तक तड़पते रहे। गोशाला की ओर से एनिमल हसबेंडरी विभाग के डॉक्टरों को सूचित किया गया, जिसके बाद पूरी टीम दवाइयों एवं ऑपरेशन का सामान लेकर पहुंची। जब टीम पहुंची देखा कि पशुओं की हालत काफी खराब थी। 18 पशु दम तोड़ चुके थे, जिसके बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए बाकी पशुओं को बचाने की मुहिम शुरू की गई। देर शाम शुरू हुई कार्रवाई सुबह तक जारी रही। सूचना मिलने के बाद पंचकूला की अतिरिक्त उपायुक्त मनिता मलिक, एनिमल हसबेंडरी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर भी मौके पर पहुंच गए थे, जिन्होंने कर्मचारियों से पशुओं को दिए गए खाने-चारा एवं अन्य सामान के बारे में बात की। कर्मचारियों ने बताया कि कुछ पशुओं को हरा चारा और मक्का मिक्स करके दिया गया था, जबकि कुछ को चारे के साथ बाजरा मिक्स करके दिया गया था। जिन पशुओं को बाजरा मिक्स करके दिया गया, उनकी हालत बिगड़ गई, जिनकी मौत हुई है। एडीसी कर रही हैं जांच
मामले की जांच अतिरिक्त उपायुक्त मनिता मलिक द्वारा की जा रही है, जिनकी टीम में एनिमल हसबेंडरी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर सुखदेव राठी भी हैं। फिलहाल पशुओं की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। जिसमें खुलासा होगा कि क्या इन पशुओं को खाने में कुछ और भी दिया गया था या हरा चारा और बाजरा खाने से ही इनकी मौत हुई है। बता दें कि इस गोशाला में कोई भी प्रबंधन समिति नहीं है। अतिरिक्त उपायुक्त को इस गोशाला का प्रशासक नियुक्त किया गया है, जिन्होंने गोशाला के चुनाव करवाने के लिए प्रोसेस शुरू किया था, लेकिन तत्कालीन प्रधान रोशन लाल जिदल ने इस प्रोसेस पर कोर्ट से स्टे ले लिया था। फिलहाल अतिरिक्त उपायुक्त की निगरानी में ही गोशाला काम कर रही है। अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। पूरा स्टाफ रखा हुआ है, जोकि पशुओं की देखभाल करता है। शनिवार शाम को अचानक एक बछड़ा नीचे गिर गया, उसके मुंह से झाग निकल रहा था। इसके बाद कुछ अन्य पशुओं की भी हालत बिगड़ने लगी। देखने से लगा कि फूड प्वाइजनिग के लक्षण हैं। पशुओं को दवाई दी गई, लेकिन उनकी हालत नहीं सुधरी, तो डॉक्टरों को बुलाया गया। एनिमल हसबेंडरी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर सुखदेव राठी भी पहुंच गए थे। 18 पशुओं की मौत हुई है।
-मनिता मलिक, एडीसी व गोशाला प्रशासक