हरियाणा में 1083 स्कूल होंगे बंद, बच्चों के दाखिले नजदीकी स्कूलों में कराने के आदेश
हरियाणा में चल रहे 1083 निजी स्कूलों पर तालाबंदी का संकट गहरा गया है। सरकार ने इनमें पढ़ने वाले बच्चों के दाखिले नजदीकी स्कूलों में कराने के आदेश जारी कर दिए हैंं।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में चल रहे 1083 गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर तालाबंदी का संकट गहरा गया है। सरकार ने इनमें पढ़ने वाले बच्चों के दाखिले नजदीकी स्कूलों में कराने के आदेश जारी कर दिए हैैं। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में दाखिल बच्चों को नजदीकी स्कूलों में समायोजित कर रिपोर्ट भेजी जाए।
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार व अन्य ने हाईकोर्ट में 2017 में जनहित याचिका डालकर राज्य में चल रहे गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को चुनौती दी थी। इसके बाद सरकार की तरफ से न्यायालय में 1083 गैर मान्यता स्कूलों की सूची उपलब्ध कराई गई और इन स्कूलों के नाम विभाग की वेबसाइट पर भी सार्वजनिक कर दिया गया। सरकार ने अभिभावकों से भी अनुरोध किया था कि वे इन स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला न कराएं, मगर फिर भी अधिकतर स्कूलों में बच्चों के दाखिले हुए।
हाईकोर्ट ने अब इन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार को निर्देशित कर दिया है। सरकार ने जिला स्तर पर इन स्कूलों को बंद कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। सरकार की इस कार्रवाई से निजी स्कूल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। शिक्षा निदेशालय ने अपने पत्र में हवाला दिया है कि इन बच्चों के दाखिले नजदीकी स्कूलों में शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत कराए जाएंगे और इन बच्चों को एसएलसी उपलब्ध कराने में भी किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।
इतना ही नहीं आरटीई के तहत इन बच्चों केा पाठयक्रम की पुस्तकें व शैक्षणिक स्टेशनरी उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। इन बच्चों का बैंक खाता खुलवाकर उसे आधार से लिंक कराकर स्कूल बैग स्टेशनरी की व्यवस्था के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। पत्र में यह भी हवाला दिया गया है कि शिक्षा विभाग इन बच्चों के अतिरिक्त दाखिला होने की वजह से सरकारी स्कूलों में टीचरों व अतिरिक्त कक्षाओं की व्यवस्था भी कराएगा।
गरीब अभिभावकों के हितों की रक्षा करे सरकार
दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के संयोजक सत्यवीर सिंह हुड्डा का कहना है कि सरकार को उन स्कूलों के विरुद्ध भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई अमल में लानी चाहिए, जो गरीब बच्चों को दाखिला नहीं दे रहे। हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि गरीब मेधावी बच्चों को मुफ्त दाखिला दिया जाए, मगर स्कूल उनसे फीस मांग रहे और खाली सीटें नहीं होने की बात कहते हुए अभिभावकों को टरका रहे हैं। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह गरीब अभिभावकों के हितों की रक्षा कराए।
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