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दो माह बाद तन्नू को मिला नानी का साथ

पलवल बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) दिल्ली व पलवल करीब दो माह की मशक्कत के बाद सात वर्षीय तन्नू को उसकी नानी को सौंप दिया है। तन्नू के ननसार पलवल में हैं जबकि उसकी मां का विवाह दिल्ली में हुआ था। तन्नू को दिल्ली सीडब्ल्यूसी ने करीब एक माह पूर्व बाल कल्याण समिति को सौंपा था जो कि उसे भीख मांगता हुआ मिला था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Apr 2019 07:02 PM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 06:33 AM (IST)
दो माह बाद तन्नू को मिला नानी का साथ
दो माह बाद तन्नू को मिला नानी का साथ

जागरण संवाददाता, पलवल : बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) दिल्ली व पलवल ने करीब दो माह की मशक्कत के बाद सात वर्षीय तन्नू को उसकी नानी को सौंप दिया है। तन्नू के ननसार पलवल में हैं जबकि उसकी मां का विवाह दिल्ली में हुआ था। तन्नू को दिल्ली सीडब्ल्यूसी ने करीब एक माह पूर्व पलवल बाल कल्याण समिति को सौंपा था जो कि उसे भीख मांगता हुआ मिला था।

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बाल कल्याण समिति की प्रवक्ता के अनुसार करीब एक माह पूर्व दिल्ली-9 की सीडब्ल्यूसी ने एक सात वर्षीय बच्चा सौंपा था जो कि खुद को तन्नू बताता था। दिल्ली सीडब्ल्यूसी को जब तन्नू मिला था तो एक माह की काउंसलिग के दौरान वह केवल अपना व अपनी मां का नाम तथा पलवल शहर के बारे में बता पाया। दिल्ली सीडब्ल्यूसी ने 28 फरवरी को तन्नू को पलवल सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया।

समिति के अनुसार तन्नू जब पलवल आया तो वह कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था। जब भी उससे कुछ पूछा जाता तो वह भयभीत हो जाता। हालात सामान्य होने तक उसे आंचल छाया आश्रम बघौला में भेज दिया गया तथा उसकी लगातार काउंसलिग कराई गई। काउंसलिग के दौरान पता चला कि बच्चे की मां की मृत्यु हो चुकी है तथा पिता अपनी शराब की जरूरत के लिए उसे मार-पीट कर भीख मंगवाता था।

बच्चे की मां जिदा रहते उसे पलवल अपनी मां के पास आ गई थी, लेकिन करीब छह माह पूर्व बीमारी के कारण उसकी की मृत्यु हो गई। पिता तन्नू को बहला फुसलाकर कर फिर अपने साथ ले गया तथा फिर से शराब की लत पूरी करने के लिए बच्चे को डराकर भीख मंगवाना शुरू कर दिया। एक दिन बच्चे को दिल्ली पुलिस ने भीख मांगते हुए पकड़ कर सीडब्ल्यूसी दिल्ली-9 के सामने पेश किया गया।

पलवल सीडब्ल्यूसी ने तन्नू के द्वारा बताई हुई जानकारियों से परिवार की बिखरी हुई कड़ियों को जोड़ते हुए सबसे पहले चाचा-चाची, फिर चार मौसियों और आखिरकार नानी को ढूंढकर व सभी जरूरी दस्तावेज जांचने के बाद बच्चा उन्हे सौंप दिया। इस पूरी प्रक्रिया में मुख्य रूप से सीडब्ल्यूसी चैयरपर्सन दर्शना भारद्वाज, सदस्य निशांत गौड, अल्पना मित्तल, शकुंतला देवी, बिजेंद्र मंगला का विशेष योगदान रहा।


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