शरद पूर्णिमा पर मंदिरों में बांटी गई खीर
शरद पूर्णिमा का उत्सव कस्बे के मंदिरों में धूमधाम से मनाया गया।
जागरण संवाददाता, हसनपुर : शरद पूर्णिमा का उत्सव कस्बे के मंदिरों में धूमधाम से मनाया गया। पर्व को लेकर सभी मंदिरों को फूल मालाओं से सजाया गया तथा मध्य रात्रि तक भजन कीर्तन का आयोजन किया गया। कस्बे के गोपी नाथ मंदिर, दाऊजी मंदिर, बांके बिहारी जी मंदिर व राम मंदिर में खीर का प्रसाद वितरित किया गया।
सनातन परंपरा के अनुसार शरद पूर्णिमा को अमृतमयी चांद अपनी किरणों में स्वास्थ्य का वरदान लेकर आता है। शरद पूर्णिमा को फसल उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर रखी जाती है तथा चंद्रमा की किरणों को उसके प्रभाव में आने के बाद मध्य रात्रि को खीर का प्रसाद बांटा जाता है। शरद पूर्णिमा आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसी दिन से शरद ऋतु की शुरुआत होती है। शरद पूर्णिमा का पर्व हर साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। मध्यरात्रि को खीर प्रसाद वितरित किया जाता है। इस दिन खीर खाने का महत्व माना जाता है। मध्य रात्रि को काफी संख्या में श्रद्धालु खीर प्रसाद लेने के लिए आते हैं।
- डालचंद पुजारी, दाऊजी मंदिर, हसनपुर