स्कूल खुले, बच्चों के लिए स्वास्थ्य सर्टिफिकेट बना चुनौती
नए नियम के साथ एक बार फिर दसवीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए सरकारी और निजी स्कूल खुल गए।
जागरण संवाददाता, पलवल: नए नियम के साथ एक बार फिर दसवीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए सरकारी और निजी स्कूल खुल गए। नए नियम के मुताबिक, स्कूल में प्रवेश से पहले विद्यार्थी को अपना स्वास्थ्य केंद्र से स्वास्थ्य सर्टिफिकेट बनवाकर स्कूल में दिखाना होगा, लेकिन इसकी जानकारी न होने के चलते सोमवार को अधिकतर विद्यार्थी बिना स्वास्थ्य सर्टिफिकेट के स्कूल पहुंचे। इसके कारण सरकारी स्कूल में बच्चों की संख्या आठ से दस रही। वहीं निजी स्कूल में 80 फीसद बच्चों ने उपस्थिति दर्ज कराई। हालांकि निजी स्कूल के बच्चे भी बिना स्वास्थ्य सर्टिफिकेट के स्कूल पहुंचे थे, लेकिन स्कूल संचालकों ने कड़ी हिदायत देते हुए बच्चों को प्रवेश दे दिया।
इस बार कुछ नए नियम विभाग द्वारा बनाए गए हैं। स्वास्थ्य रिपोर्ट के अलावा अलावा, अभिभावकों का लिखित पत्र भी देना हो अनिवार्य है। बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा 20 से 30 नवंबर तक स्कूल खोलने पर रोक लगा दी थी। जिसे बाद में बढ़ा कर 10 दिसंबर तक कर दिया गया था। 21 दिसंबर से नौवीं और 11वीं कक्षाएं लगेंगी। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बर्दाशत की जाएगी। मेरा सभी सरकारी और निजी स्कूल के प्रधानाचार्यो से निवेदन है कि बिना स्वास्थ्य सर्टिफिकेट के बच्चों को स्कूल में प्रवेश न दें। अभिभावकों की अनुमति भी अनिवार्य है।
- अशोक बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी। अधिकतर बच्चों को नए नियम के बारे में नहीं मालूम है। यही कारण है कि सोमवार को बच्चे बिना स्वास्थ्य सर्टिफिकेट के स्कूल पहुंच गए। चूंकि सोमवार को पहला दिन था तो हमने कड़ी हिदायत देते हुए बच्चों को स्कूल में आने दिया। आज से जो बच्चा बिना स्वास्थ्य सर्टिफिकेट के स्कूल आएगा तो उसे घर वापस भेज देंगे।
- सतवीर पटेल, अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन।