मिनटों में जिदगी छीन लेते हैं दुर्घटना बहुल्य क्षेत्र
सड़क हादसों के पीछे वाहनों की तेज रफ्तार अंधा मोड़ बिना संकेतक लगे चौराहे व हाइवे के कट के साथ रोड पर गड्ढे सबसे ज्यादा जिम्मेदार होते हैं।
अंकुर अग्निहोत्री, पलवल:
सड़क हादसों के पीछे वाहनों की तेज रफ्तार, अंधा मोड़, बिना संकेतक लगे चौराहे व हाइवे के कट के साथ रोड पर गड्ढे सबसे ज्यादा जिम्मेदार होते हैं। इन वजहों से जिन स्थानों पर सबसे अधिक सड़क हादसे होते हैं उन्हें दुर्घटना बहुल्य क्षेत्र कहा जाता है। जिले में भी कई दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र हैं, जिन्होंने मिनटों में सैकड़ों लोगों की जिदगी छीन ली।
हथीन स्थित दादा बाहड चौक, स्वामीका मोड़, जैनपुर मोड़, लखना का मोड़ (होडल-नूंह रोड), गढ़ी विनोदा मोड़(हथीन-पलवल रोड) तथा होडल स्थित पुन्हाना वाय प्वाइंट, रेलवे चौक समेत कई ऐसे स्थान हैं, जहां लगातार सड़क हादसे होते रहते हैं। इनके सुधार के लिए न तो ट्रैफिक पुलिस कदम उठा रही है और न ही पीडब्लूडी-आरटीओ विभाग, लिहाजा सड़कें लगातार खून से लाल हो रही हैं।
इन दुर्घटना बहुल्य क्षेत्र पर पैदल चलने वालों के लिए न तो फुटपाथ हैं न रिफ्लेक्टर और स्ट्रीट लाइट लगी हैं। इसके अलावा सड़क पार करने वालों के लिए फुट ओवरब्रिज की सख्त जरूरत है। वहीं कई सड़कों पर स्पीड ब्रेकर तक नहीं है न ही स्पीड दिखाने वाले बोर्ड लगाए गए हैं। नियमों के विपरीत जाकर बनाए गए डायवर्जन और कट बंद करने की जरूरत है। यातायात पुलिस और आरटीए विभाग को चाहिए कि जिले में ऐसे दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र को चिन्हित करें, जहां पर सबसे अधिक सड़क हादसे होते हैं। इसके बाद हादसे रोकने के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। इसके काम के लिए विशेषज्ञों की भी मदद ले सकते हैं।
- विक्रम सिंह यात्री, लेक्चरार, रेडक्रास सोसयाटी। बाक्स- खराब पड़े हैं ट्रैफिक सिग्नल
सड़क हादसों को रोकने और जाम पर काबू पाने में ट्रैफिक सिग्नल की अहम भूमिका होती है। लेकिन शहर के तमाम ट्रैफिक सिग्नल खराब पड़े हैं। आगरा चौक से कमेटी चौक के बीच सौर ऊर्जा से संचालित तीन ट्रैफिक सिग्नल लगे हैं, जो कई सालों से खराब हैं। धुंध में खराब सिग्नल वाहन चालकों के लिए यमराज बन जाते हैं। ट्रैफिक सिग्नल खराब होने की वजह से वाहन चालक वाहन की गति को अधिक रखते हैं। गति अधिक होने के कारण वाहनों पर नियंत्रण भी बहुत कम रहता है। ऐसे में यदि दूसरा वाहन या पशु आ जाए तो बचना मुश्किल हो जाता है।