सड़कों का हाल बेहाल, गंदगी से बुरा हाल
गलियां और सड़कें किसी शहर की रीढ़ होती हैं। जो शहर की बनावट और भूमि उपयोग के सभी आयामों को स्वरूप प्रदान करती हैं।
अंकुर अग्निहोत्री, पलवल:
गलियां और सड़कें किसी शहर की रीढ़ होती हैं। जो शहर की बनावट और भूमि उपयोग के सभी आयामों को स्वरूप प्रदान करती हैं। इतिहास गवाह है कि जिन देशों में शहरों की जितनी ज्यादा प्रगति होती है, वहां आर्थिक अवसरों की उपलब्धता उतनी ही अधिक होती है। लेकिन, पलवल शहर में सड़कें खराब स्थिति में हैं। उन्हें गंभीर मरम्मत कार्य की आवश्यकता है। पिछले कुछ दिनों से बीच-बीच में हो रही बारिश के बाद शहर की सड़कों का हाल बेहाल है। निकासी व्यवस्था, लेवलिग और नालों की सफाई न होने से किसी सड़क पर पानी भरा है तो कोई सड़क कीचड़ और गंदगी से पटी पड़ी है।
पुराना जीटी रोड स्थित पर सरकारी माध्यमिक स्कूल के निकट बह रहा नाले का गंदा पानी ओवरफ्लो होकर स्कूल के सामने सड़क पर भरा हुआ है। कुछ दिन पहले नगर परिषद ने मोटर पंप की मदद से पानी को निकाला भी था, लेकिन बारिश होने के बाद स्थिति फिर जस की तस हो गई। इसको लेकर शनिवार को स्कूल के शिक्षकों ने रोष प्रकट किया और नप अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। शिक्षकों ने बताया कि नगर परिषद के कर्मचारियों ने साफ-सफाई के नाम पर नाले की स्लैब यह कहते हुए तोड़ी थी कि सफाई का काम पूरा होने के बाद नाले को पहले जैसे कर देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सफाई तो जैसे-तैसे हुई मगर नाले की स्लैब दोबारा नहीं लगाई गई। इससे नाले का गंदा पानी और तेजी से ओवरफ्लो होकर बाहर आने लगा। इसी रोड पर स्थित कब्रिस्तान के निकट भी पिछले कई दिनों से कीचड़ और गंदगी से सड़क पटी पड़ी है। यहां से लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है। आलम यह है कि कई बार लोगों द्वारा शिकायत करने के बाद भी नप ने यहां की सफाई नहीं की। आस-पास के दुकानदारों का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है।।
इसी तरह शहर की सब्जी मंडी को जाने वाली जर्जर सड़क पर बरसाती पानी भरने के बाद कीचड़ से नरकीय हाल बना हुआ है, जिससे मंडी में सब्जियों बेचने आने वाले किसानों व सब्जी खरीदने वाले लोगों को कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है। अलावलपुर फ्लाईओवर की नीचे एसडी कालेज को जाने वाली सड़क की ठीक से लेवलिग न होने की वजह से पिछले कई दिनों से यहां बारिश का पानी भरा हुआ है। इसको लेकर आस-पास के दुकानदारों ने कई बार अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। शहर में कहीं भी नजर उठाकर देख लिजिए गंदगी और जर्जर सड़कों के अलावा आप को कुछ देखने को नहीं मिलेगा। इस शहर के हालात न जाने कब सुधरेंगे।
-तरुण, दुकानदार कुछ दिन पहले सफाई कर्मचारी आकर खानापूर्ति कर गए थे। बारिश होने के बाद फिर पहले जैसे हालात हो गए। सब जानकर भी अनभिज्ञ हैं। स्कूल के अंदर आने में बड़ा संघर्ष करना पड़ता है।
-सुमन, शिक्षक। पुरुष शिक्षकों के पास तो बाइक है, लिहाजा वह तो उससे किसी तरह स्कूल के अंदर आ जाते हैं, लेकिन महिला शिक्षकों अंदर आने में कड़ी मशक्कत करनी होती है। एक महिला शिक्षक तो गिरते-गिरते बचीं।
-विजेंद्र पाल, शिक्षक जर्जर सड़कों की मरम्मत का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए विस्तृत योजना बनाई जा रही है। इसपर काम चल रहा है।
-कुलदीप मलिक, ईओ, नप