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सूखे पड़े रजवाहे से कैसे हो सिचाई

खेतों में खड़ी फसलों में दूसरी बार सिचाई करने को लेकर किसान सूखे पड़े उटावड रजवाहे में पानी आने की बाट जोह रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2020 05:36 PM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 05:36 PM (IST)
सूखे पड़े रजवाहे से कैसे हो सिचाई
सूखे पड़े रजवाहे से कैसे हो सिचाई

गजराज सिंह, हथीन

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खेतों में खड़ी फसलों में दूसरी बार सिचाई करने को लेकर किसान सूखे पड़े उटावड रजवाहे में पानी आने की बाट जोह रहे हैं। समय पर सिचाई न होने के कारण खेतों में खड़ी गेहूं और सरसों की फसलों के पत्ते पीले पड़ने लगे हैं। किसानों को अब यही चिताएं सता रही हैं कि बिन पानी के खेतों की कैसे सिचाई हो पाएगी। किसानों ने बताया कि रजवाहे में पानी आए लगभग एक महीना होने को है। पिछली बार भी क्षमता से कम पानी सिचाई विभाग द्वारा गुरुग्राम कैनाल से छोड़ा गया था। इससे इलाके के अधिकतर खेत सिचाई से वंचित रह गए थे। नहरी पानी न मिलने के कारण अब किसानों को ट्यूबवेलों पर ही निर्भर होना पड़ रहा है। इससे एक खेत की सिचाई में काफी समय लग रहा है और किसानों का खर्चा भी ज्यादा हो रहा है। पानी न आने से उटावड रजवाहा सूखा पड़ा हुआ है। समय पर पानी न होने से इस रजवाहे पर पड़ने वाले मुख्यत: गांव ममोलाका, स्यापनकी, फिरोजपुर राजपूत, घर्रोट, गढ़ी विनोदा, हथीन, बूराका, रूपडाका, गोहपुर, उटावड सहित अन्य गांवों के किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रजवाहे में पानी न आने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। समय पर पानी न मिलने से फसलों के पत्ते पीले पड़ने लगे हैं।

श्याम सिंह, किसान, गढ़ी विनोदा सिचाई विभाग के अधिकारियों को क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि नहरी पानी के अलावा किसानों के पास सिचाई के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं।

सुग्रीव शर्मा, किसान, हथीन क्षेत्र का किसान सिचाई के लिए नहरी पानी पर ही निर्भर है। विभाग के लापरवाह अधिकारियों की वजह से निर्धारित पानी रजवाहे में नहीं छोड़ा जा रहा है, जिससे फसल खराब होने की कगार पर है।

अशोक राजपूत, किसान, हथीन उटावड रजवाहे में निर्धारित शेड्यूल के हिसाब से ही पानी छोड़ा जा रहा है। पिछली बार गुरुग्राम कैनाल में पानी कम होने की वजह से परेशानी आई थी। अब जल्द ही रजवाहे में पानी छोड़ दिया जाएगा।

रियाज अहमद, एसडीओ, सिचाई विभाग, हथीन


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