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माडल संस्कृति स्कूलों में हिदी और अंग्रेजी दोनों माध्यम से हो पढ़ाई

हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने बुधवार को माडल संस्कृति स्कूलों में हिदी माध्यम से पढ़ाई जारी रखने एवं शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की अनुपालना कराने को लेकर होडल खंड के शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के उपरांत मुख्यमंत्री के नाम होडल खंड के शिक्षा अधिकारी यशपाल गर्ग को ज्ञापन सौंपा गया। प्रदर्शन की अध्यक्षता खंड होडल के खंड प्रधान वीर सिंह सौरोत ने की तथा संचालन सचिव विनोद कुमार ने किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 08:26 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 08:26 PM (IST)
माडल संस्कृति स्कूलों में हिदी और अंग्रेजी दोनों माध्यम से हो पढ़ाई

जागरण संवाददाता, पलवल: हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने बुधवार को माडल संस्कृति स्कूलों में हिदी माध्यम से पढ़ाई जारी रखने एवं शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की अनुपालना कराने को लेकर होडल खंड के शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के उपरांत मुख्यमंत्री के नाम होडल खंड के शिक्षा अधिकारी यशपाल गर्ग को ज्ञापन सौंपा गया। प्रदर्शन की अध्यक्षता खंड होडल के खंड प्रधान वीर सिंह सौरोत ने की तथा संचालन सचिव विनोद कुमार ने किया।

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प्रदर्शन को संबोधित करते हुए जिला उपप्रधान गीतेश कुमार, आडिटर वेदपाल एवं खंड प्रधान वीर सिंह सौरोत ने कहा कि शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत सभी बच्चों के लिए अनिवार्य तथा निश्शुल्क शिक्षा की व्यवस्था का प्रविधान है। मगर माडल संस्कृति विद्यालयों की फीस देने में असमर्थ बच्चों तथा हिदी माध्यम से पढ़ने वाले बच्चों के लिए इन विद्यालयों में कोई जगह नहीं है। यह छात्रों के साथ सरासर धोखा है और शिक्षा के अधिकार अधिनियम के विरुद्ध है। इस प्रकार सबके लिए शिक्षा का लक्ष्य कैसे प्राप्त किया जा सकता है।

जिला कोषाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार, सरला देवी, सचिव विनोद कुमार और नवल किशोर ने कहा कि ज्ञापन में मांग की गई है कि माडल संस्कृति स्कूल मे गरीब बच्चों को हिदी तथा अंग्रेजी दोनों माध्यम से पढ़ने की अनुमति दी जाए, ताकि सभी गरीब बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सकें। पहले से स्थापित स्कूलों में ढांचागत सुविधाएं देते हुए अध्यापकों के सभी पद भरे जाएं। कक्षा पहली से कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराई जाएं। कक्षा एक के लिए दाखिले की आयु पहले की तरह साढ़े चार वर्ष निश्चित की जाए। दाखिले के लिए परिवार पहचान पत्र की अनिवार्यता समाप्त की जाए। इस मौके पर महेशचंद्र शिवदयाल मोहनलाल शर्मा, गुलाब सिंह, अशोक गर्ग, जीतेश्वर गुप्ता, जमील, भगवत, शिवचरण,दारा सिंह, प्रमोद,आनंद, राजेश और यादराम मुख्य रूप से उपस्थित रहे।


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