सरकारी स्कूलों से एक साथ 150 शिक्षकों का तबादला
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हथीन खंड को एक और तगड़ा झटका लगा है। मौलिक शिक्षा विभाग की तरफ खंड के सरकारी स्कूलों से एक साथ 150 शिक्षकों का तबादला नूंह कर दिया गया है। इनके बदले में यहां पर कोई शिक्षक नहीं आया है।
मोहम्मद हारून, हथीन
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हथीन खंड को एक और तगड़ा झटका लगा है। मौलिक शिक्षा विभाग की तरफ खंड के सरकारी स्कूलों से एक साथ 150 शिक्षकों का तबादला नूंह कर दिया गया है। इनके बदले में यहां पर कोई शिक्षक नहीं आया है। इसका असर पढ़ाई व्यवस्था पर पड़ेगा। शिक्षा विभाग में एक साथ हुए इन तबादलों से क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावक ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
बता दें कि सरकार ने हाल ही में जिला नूंह व मोरनी क्षेत्र में स्वेच्छा से तबादले कराने वाले शिक्षकों के लिए अतिरिक्त वेतन की घोषणा की थी। जिसमें गेस्ट शिक्षक के लिए 10,000 रुपये प्रति माह तथा पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुेट टीचर) व टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) के लिए बेसिक पे व डीए पर 10 प्रतिशत राशि अतिरिक्त दिए जाने का प्रविधान किया था। इस योजना के अनुसार स्वेच्छा से इन क्षेत्रों में तबादला कराने के लिए 170 पीजीटी, 163 टीजीटी तथा 796 जेबीटी व गेस्ट शिक्षकों ने आवेदन किए थे। इनमें से 107 पीजीटी, 109 टीजीटी तथा 406 जेबीटी(जूनियर बेसिक टीचर) व गेस्ट टीचरों के तबादले नूंह तथा मोरनी क्षेत्र में कर दिए गए हैं। सबसे खास बात यह है कि हथीन क्षेत्र से सबसे ज्यादा 150 शिक्षकों का तबादला स्वेच्छा से नूंह हुआ है। इनमें 95 टीचर जेबीटी व गेस्ट तथा 40 टीजीटी तथा एक दर्जन के करीब पीजीटी टीचर यहां से तबादला होकर गए हैं। हथीन क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में पहले ही टीचरों की कमी थी। सात स्कूल अभी भी ऐसे हैं जिनमें एक भी शिक्षक नहीं है। दर्जन भर स्कूल ऐसे हैं जहां पर एक या दो शिक्षक ही तैनात है। अब सवाल यह उठता है कि पहले ही शिक्षकों की कमी से जूझ रहे क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में एक साथ बड़े पैमाने पर शिक्षकों के तबादले हो जाने से स्कूलों में शिक्षा का बेड़ा पार कैसे लगेगा।
मंगलवार को मौलिक शिक्षा विभाग की तरफ से जारी की गई तबादला सूची के बाद जैसे ही ग्रामीण आंचल के अभिभावकों का पता चला कि यहां से बड़ स्तर पर शिक्षक चले गए हैं उन्हें अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर चिता सताने लगी है। अभिभावकों का कहना है कि एक तरफ तो सरकारी नई शिक्षा नीति लागू करके बेहतर शिक्षा वायदा कर रही है वहीं दूसरी तरफ शैक्षिक तौर पर पिछड़े हथीन क्षेत्र के सरकारी स्कूलों को खाली कर दिया गया है। सरकारी की नीति के तहत हुए तबादले: खंड शिक्षा अधिकारी सगीर अहमद का कहना है कि तबादला सरकार की नीति के तहत हुए हैं। हां, स्टाफ की पहले ही कमी थी, अब बड़े स्तर पर तबादला होने से पढ़ाई व्यवस्था पर असर जरूर पड़ेगा। लेकिन स्थानीय स्तर पर इसकी समीक्षा करके यथा संभव स्थिति को संभालने का काम होगा।