हरी सब्जियों के दामों में आई गिरावट
संवाद सहयोगी हथीन सब्जियों के दामों में गिरावट आई है। गिरावट आने का कारण सब्जियों क
संवाद सहयोगी, हथीन: सब्जियों के दामों में गिरावट आई है। गिरावट आने का कारण सब्जियों की नई पैदावार का बाजार में आना बताया जा रहा है। जिन सब्जियों के दाम पहले ज्यादा थे, उनके दाम अब कम होने लगे हैं। सब्जियां सस्ती होने पर ग्राहकों ने भी राहत की सांस ली है।
लगातार महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों को जनवरी के माह में सब्जियां सस्ती होने पर राहत मिली है। क्योंकि सीजन के अनुसार इन दिनों में सब्जियों का उत्पादन बाजार में आ चुका है। कुछ दिनों पहले महंगे मिलने वाले आलू, टमाटर, मैथी, पालक, गाजर, प्याज, गोभी व अन्य हरी सब्जियों के दामों में दस से लेकर 30 रुपये प्रति किलो गिरावट आ चुकी है। बता दें कि क्षेत्र में हरी सब्जियों के उत्पादन के कारण सब्जियों के दामों में गिरावट दर्ज की गई है। जो आलू कुछ समय पहले 20 से 25 रुपये प्रति किलो ग्राम थे, उनके रेट अब आठ से दस रुपये प्रति किलो हो गए हैं। इसके अलावा जो पूरे साल भर 50 से 60 रुपये किलो मंडी में मिलते थे, अब बढि़या किस्म के टमाटर आपको 25 से 30 रुपये प्रति किलो में मिल जाएंगे। ऐसा ही प्याज के मामले में भी देखा गया है। लाल प्याज की कीमत कुछ दिनों पहले 50 से 60 रुपये प्रति किलो मिलती थी, इनमें दामों में प्रति किलो गिरावट दर्ज की गई है। बढि़या किस्म की प्याज मंडी में 30 से 40 रुपये प्रति किलो मिल रही है। ऐसा ही मामला अन्य हरी सब्जियों के मामले में पाया गया है। दुकानदारों की मानें तो जनवरी फरवरी दो माह ऐसे होते हैं, इनमें हरी सब्जियों के दामों में कमी रहती है। क्योंकि इस सीजन में कई किस्मों की सब्जियों का उत्पादन मंडियों में आ जाता है। इसी कारण उत्पादन बढ़ने से दामों में गिरावट भी लाजिमी है। दुकानदार हरी सब्जी बिकने से खुश हैं, तो ग्राहक मंदी होने के कारण खुश नजर आ रहे हैं।
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हरी सब्जियों के दाम प्रति किलो:
वर्तमान में कुछ दिनों पहले
आलू आठ-दस 20-30
टमाटर 20-30 50-60
गोभी 20-25 35-40
गाजर 10-15 20-30
मटर 30-40 40-60
मैथी 15-20 30-40
बैंगन 15-20 25-30
मूली 8-10 25-30
पालक 10-15 25-40
प्याज 35-40 50-60
अदरक 25-30 50-60
हरी मिर्च 40-50 60-70
शिमला मिर्च 40-50 60-75
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जनवरी व फरवरी के माह में हरी सब्जियों के उत्पादन बाजार में आ जाते हैं, इसलिए दामों में गिरावट स्वाभाविक है।
-वीरपाल, दुकानदार
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सब्जियां सस्ती होने से बिक्री भी ठीक होती है। सीजनेबल सब्जियां इस सीजन में सस्ते होती हैं, जिससे दुकानदार व ग्राहक दोनों खुश हैं।
- नौमान, सब्जी विक्रेता पहले जो सब्जियां मंहगी थी, वह इस सीजन में काफी कम रेटों पर आ चुकी है। कोरोना काल में महंगाई ने लोगों का बजट बिगाड़ा हुआ था, अब कुछ ठीक है।
-अशरफ, ग्राहक