17 साल बाद 26 गांवों के लोगों को मिला नया पीएचसी भवन
उटावड में चल रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को नए भवन में किया शिफ्ट।
मोहम्मद हारून, हथीन:
26 गांवों की एक लाख से अधिक आबादी को आखिरकार 17 साल बाद गांव उटावड़ में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का नया भवन मिल गया है। अब यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को जगह के अभाव के कारण परेशान नहीं होना पड़ेगा। देर से ही सही स्वास्थ्य विभाग ने मेवात विकास एजेंसी की तरफ से बनाए गए भव्य प्राथमिक चिकित्सा केंद्र को अपने अधीन लेकर कार्य शुरू कर दिया गया है।
सरकार ने 26 गांवों के लिए उटावड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की हुई है। स्वास्थ्य के लिहाज से इन गांवों की जनसंख्या 1,01,719 बताई है। 2004 में जगह नहीं होने के कारण विभाग की तरफ से गांव में बने वृद्धा आश्रम के दो कमरों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किया था। 17 साल तक क्षेत्र के लोगों ने परेशानी उठाई। दो कमरों में चिकित्सकों के बैठने तक की व्यवस्था नहीं थी। क्योंकि इन कमरों में विभाग के भरे सामान ने जगह घेरी हुई थी।
बता दें कि पूर्व सीपीएम चौधरी जलेब खां के प्रयासों से 2013-14 में मेवात विकास एजेंसी की तरफ से यहां पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन निर्माण कराया शुरू कराया गया था। इस भवन निर्माण पर सरकार ने लाखों रुपये खर्च किए हैं। हालांकि इस भवन को बनने में कई साल लगे। प्रशासनिक उपेक्षा व निर्माण एजेंसी की उदासीनता के कारणों से यह भवन समय पर पूरा न हो सका, लेकिन अब यह अस्पताल के लिए यह भवन तैयार हो चुका है। बाकायदा स्वास्थ्य विभाग ने बने इस भवन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को शिफ्ट करने का सिलसिला शुरू कर दिया है। ज्यादातर उपकरण नए सुसज्जित भवन में रखकर वहां पर ओपीडी व अन्य कार्य शुरू कर दिए गए हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि लंबे इंतजार के बाद इलाज के लिए भवन तो मिला। लोग नए भवन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के शुरू होने से खुश हैं। क्षेत्र के लोगों ने स्वास्थ्य विभाग का इस कार्य के लिए आभार भी जताया है।
इन गांवों के लोगों को मिलेगा लाभ:
उटावड, मालूका, रनियाला खुर्द, कुम्रेहड़ा, टोंका, घुडावली, ढ़कलपुर, भीमसीका, गुलेशरा, मलाई, जलालपुर, लखनाका, चिल्ली, रुपडाका, मालपुरी, जरारी व आधा दर्जन अन्य गांवों की एक लाख की आबादी इस नए भवन का लाभ लेगी। पीएचसी के नए भवन में कार्य शुरू कर दिया गया है। अब मरीज व लोगों को अपने काम से आने पर परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। भवन में जो छोटी मोटी कमी है उसे भी दुरुस्त कराया जा रहा है।
- डा विजय कुमार, एसएमओ हथीन