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कोंडल : बेटी बचाने में अव्वल, विकास की दौड़ में पिछड़ा

पलवल ¨लगानुपात के आंकड़ों में प्रदेश भर में प्रथम आकर भी कोंडल गांव को सामान्य जन-सुविधाओं के मामले में अति पिछड़े गांवों में गिना जाता है। शिक्षा एवं राजनीतिक तौर पर प्रदेश भर में अग्रणी रहे उक्त गांव ने अब बेटी बचाने में भी प्रदेश भर में पहला स्थान पाने वाले इस गांव में बेटियों को पढ़ाने के लिए भी माकूल माहौल नहीं हैं। बता दें कि गांव का ¨लगानुपात 1000 लड़कों पर 1391 लड़कियों का है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Oct 2018 08:17 PM (IST)Updated: Wed, 31 Oct 2018 08:17 PM (IST)
कोंडल : बेटी बचाने में अव्वल, विकास की दौड़ में पिछड़ा
कोंडल : बेटी बचाने में अव्वल, विकास की दौड़ में पिछड़ा

फोटो 19 में हैं

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-¨लगानुपात में प्रदेशभर में पहले नंबर पर रहा है गांव

- बेटियों के पढ़ने के लिए न स्कूल का भवन ठीक न हीं कोई अन्य व्यवस्थाएं

- गांव के विकास के लिए मुख्यमंत्री ने की है एक करोड़ रुपए के अनुदान की घोषणा संजय मग्गू, पलवल: ¨लगानुपात के आंकड़ों में प्रदेश भर में प्रथम आकर भी कोंडल गांव को सामान्य जन-सुविधाओं के मामले में अति पिछड़े गांवों में गिना जाता है। शिक्षा एवं राजनीतिक तौर पर प्रदेश भर में अग्रणी रहे उक्त गांव ने अब बेटी बचाने में भी प्रदेश भर में पहला स्थान पाने वाले इस गांव में बेटियों को पढ़ाने के लिए भी माकूल माहौल नहीं हैं। बता दें कि गांव का ¨लगानुपात 1000 लड़कों पर 1391 लड़कियों का है।

गांव में कन्या शिक्षा के लिए चौदह कमरों का स्कूल तो है, परन्तु उसका दर्ज मात्र मिडिल तक ही है। स्कूल को जाने वाला मुख्य रास्ता टूटा पड़ा है और उसमें पानी भरा रहता है। स्कूल में न तो पीने के पानी की मुक्कमल व्यवस्था है व न हीं सही शौचालय। इतना ही नहीं बच्चों के लिए मिड-डे मील भी चूल्हे की आंच पर पकाया जाता है।

इसके अलावा भी गांव में समस्याओं का अंबार है। गांव के मध्य में बनी जोहड़ों में पानी ओवरफ्लो होकर घरों में घुस जाता है। जोहड़ों को ग्रामीण पंप लगाकर समय-समय पर खाली करने को मजबूर हैं। जोहड़ों की खुदाई कराना जरूरी है। 25 अक्टूबर को गांव के विकास के लिए सीएम मनोहर लाल ने एक करोड़ के अनुदान की घोषणा की है। ग्रामीण इसका स्वागत तो कर रहे हैं, लेकिन इसे नाकाफी बताते हुए पांच करोड़ रुपये के अनुदान की मांग कर रहे हैं। बाक्स :

उच्च शिक्षित गांव का है बड़ा रुतबा

गांव कोंडल को जिले के उच्च शिक्षित गांवों में गिना जाता है, तथा यहां के लोग बेटे-बेटी में कोई भेदभाव नहीं करते। इसी का परिणाम है कि यहां का ¨लगानुपात हमेशा ही अव्वल रहा है। गांव कोंडल के निवासी दीपचंद बंधु ने दिल्ली की राजनीति में दशकों तक अपना सिक्का जमाया है। वे दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष व दिल्ली के उद्योग मत्री भी रहे। गांव के निवासी स्व. देवी ¨सह तेवतिया कोलकाता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भी रहे। न्यायिक सेवा क्षेत्र में जाने से पूर्व तेवतिया हथीन के विधायक भी चुने गए।

गांव में कन्या स्कूल के लिए चौदह कमरों का स्कूल है। सरकार को चाहिये कि स्कूल का दर्जा बढाकर इसे हाई स्कूल के रूप में अपग्रेड किया जाये। स्कूल की चार दिवारी का विस्तार किया जाये। भवन की मरम्मत, पीने के पानी की सुविधा एवं खेल मैदान की सफाई कराई जाए।

-डॉ. युधवीर आर्य , समाजसेवी गांव के युवाओं में पहलवान बनने का शौक है, परन्तु उन्हें अभ्यास के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। सरकार को चाहिए गांव में एक आधुनिक व्यायामशाला एवं कोच का प्रबंध करें।

- पवन पहलवान

गांव में एक आधुनिक पार्क व बुजुर्गों के ओपन जिम का निर्माण करना चाहिए। इससे लोगों को घूमने-फिरने के लिए उचित स्थान मिल सके। स्वास्थ्य विभाग ने हेल्थ सेंटर खोला हुआ है। बीस वर्ष पहले बने सेंटर को अपग्रेड नहीं किया गया है। इसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा दिया जाए।

- बीर¨सह, एडवोकेट

गांव के पचास प्रतिशत से अधिक लोग पशु पालन पर निर्भर हैं। अस्पताल का भवन 10-12 साल से बंद पड़ा है। इसके बावजूद पशु अस्पताल की हालत जर्जर बनी हुई है। सरकार को पशु अस्पताल की व्यवस्था सुधारनी चाहिए।

- जगबीर ¨सह, किसान

ग्राम पंचायत के पास आय के सीमित साधन हैं। एक करोड़ रूपये जो मुख्यमंत्री द्वारा घोषित किये गए हैं नाकाफी हैं। गांव में विभिन्न कामों के लिए कम से कम पांच करोड़ रूपये के बजट की दरकार है। ग्राम पंचायत ने स्कूल के मैदान को पार्क के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।

- संदीप, सरपंच गांव कोंडल


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