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कम संख्या वाले स्कूलों पर फिर लटकी तलवार

25 से कम छात्रों वाले स्कूलों की रिपोर्ट शिक्षा विभाग की ओर से मांगी गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 06:22 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 06:18 AM (IST)
कम संख्या वाले स्कूलों पर फिर लटकी तलवार
कम संख्या वाले स्कूलों पर फिर लटकी तलवार

विनोद शर्मा, पलवल

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शिक्षा विभाग की ओर से 25 से कम छात्रों वाले स्कूलों की रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही रेशनलाइजेशन के जरिए शिक्षकों को अधिक संख्या वाले स्कूलों में भेजने के आदेश आए हैं। विभाग द्वारा कम संख्या वाले स्कूलों को बंद कर अन्य निकटतम स्कूलों में मर्ज किया जा सकता है। अध्यापकों को स्कूलों में अधिक से अधिक बच्चों का दाखिला करवाने व ड्रॉपआउट रोकने के आदेश दिए गए हैं।

विभाग द्वारा इससे पहले जनवरी में भी कम संख्या वाले स्कूलों की रिपोर्ट मांगी थी। उस समय बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षकों को मौका दिया था। अब लॉकडाउन के समय सरकारी स्कूलों में दाखिले कम होने की वजह से शिक्षकों को दाखिला बढ़ाने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। कम संख्या वाले स्कूलों को बंद कर निकट के स्कूलों में मर्ज किया जा सकता है। इसके लिए शिक्षकों का रेशलनाइजेशन किया जा रहा है, जिसके मुताबिक पहले 25 बच्चों पर एक शिक्षक पढ़ाता था, अब 30 बच्चों पर एक शिक्षक रखा जाएगा। यानी कम संख्या वाले बच्चों के शिक्षकों को दूसरे स्कूल में भेजा जाएगा। दाखिले के लिए घर-घर जाएंगे शिक्षक

शिक्षा विभाग की ओर से रिपोर्ट मांगने के बाद 25 से कम छात्रों वाले स्कूलों के मुखिया घर-घर जाकर अभिभावकों को अपने बच्चों के दाखिले सरकारी स्कूल में कराने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। ऐसे स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षकों की ओर से विशेष प्रयास किया जाएगा, ताकि इन स्कूलों में नियमित रूप से कक्षाएं चल सकें अन्यथा उन्हें नजदीकी स्कूलों में समायोजित किया जाएगा। दूसरे प्रदेश जा चुके मजदूरों से करेंगे संपर्क

शिक्षकों द्वारा दूसरे प्रदेश जा चुके प्रवासी मजदूरों के परिवार से संपर्क किया जाएगा। ऐसे सभी विद्यार्थियों की जानकारी स्कूल रिकॉर्ड में लाई जाएगी, जिनके बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते थे। उन्हें भविष्य में दाखिला सुनिश्चित करने के लिए कहा जाएगा। विभाग द्वारा शिक्षकों को बच्चों का ड्रॉपआउट रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। प्रवासी परिवारों के बच्चों का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है। इन स्कूलों में है बच्चों की संख्या कम

खंड स्कूल का नाम

पलवल राजकीय प्राइमरी स्कूल जोहरखेड़ा

होडल राजकीय प्राइमरी स्कूल गोपालगढ़

पलवल राजकीय प्राइमरी स्कूल ककराली

पलवल राजकीय प्राइमरी स्कूल कैराका

होडल राजकीय प्राइमरी स्कूल फुलवाड़ी

हथीन राजकीय प्राइमरी स्कूल आलूका

पलवल राजकीय प्राइमरी स्कूल मुनीरगढ़ी

होडल राजकीय प्राइमरी स्कूल धानी माजरा

पलवल राजकीय प्राइमरी स्कूल दहलाका

पलवल राजकीय प्राइमरी स्कूल मिलकगिन्नी

पलवल राजकीय प्राइमरी स्कूल राखोता

हथीन राजकीय प्राइमरी स्कूल नौरंगाबाद सरकर की नीति जनविरोधी है, जिससे शिक्षा में सुधार करने की बजाय रेशनलाइजेशन किया जा रहा है। अध्यापक संघ इसका विरोध करेगा व स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने व अभिभावकों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएगा।

-गीतेश कुमार, महासचिव, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ पलवल निदेशालय की ओर से वीडियो कांफ्रेसिंग द्वारा सभी अधिकारियों की बैठक की गई थी। बैठक में ऐसे स्कूल, जिनमें बच्चों की संख्या 25 से कम है, ब्योरा मांगा गया है। साथ ही बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

- अनिल शर्मा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी


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