हरियाणा के पलवल में प्रदूषण जांच केंद्र को कर दिया बच्चों को हवाले
वाहनों में प्रदूषण के स्तर की जांच करने वाले केंद्रों के संचालक खुलेआम इस सख्ती को ठेंगा दिखा नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
हथीन/पलवल [गजराज सिंह]। वातावरण में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर एक ओर जहां एनजीटी सख्त रुख अपनाए हुए हैं। वहीं दूरी तरफ वाहनों में प्रदूषण के स्तर की जांच करने वाले केंद्रों के संचालक खुलेआम इस सख्ती को ठेंगा दिखा नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। एक केंद्र पर तो कुर्सी पर बच्चे बैठे नजर आए।
हथीन में केंद्रों पर वाहनों के फोटो खींच आरसी देखकर कर ही प्रमाण पत्र बन रहे हैं। किसी भी जांच केंद्र पर वाहनों के साइलेंसर में धुंए की जांच करने वाली मशीन ही नहीं है, तो कहीं एक पैमाना तय किया है, उसी के आधार पर सारे प्रमाण पत्र बन रहे हैं। ऐसे में प्रदूषण जांच केंद्रों पर वाहनों से निकलने वाले धुंए में कार्बन मोनो-आक्साइड (सीओ) की प्रतिशत मात्रा को किस प्रकार मापा जाए।
शहर के पलवल रोड पर बने प्रदूषण जांच केंद्र पर छोटे-छोटे बच्चे ही वाहनों में प्रदूषण के स्तर की जांच कर प्रमाण पत्र दे रहे हैं। कहने को तो विभाग प्रदूषण नियंत्रण को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं। लेकिन वाहनों से निकलने वाले धुएं से बढ़ते प्रदूषण पर अधिकारी आंखें मूंद कर बैठे हैं। मोटरवाहन अधिनियम 2019 में लागू होने के बाद हुई सख्ती पर चालान से बचने के लिए बड़ी संख्या में प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र बने हैं। पत्र पाने वाले वाहन चालक भी बिना साइलेंसर के धुंए की जांच के अपना चालान बचाना में लगे हुए हैं, उन्हें पर्यावरण से भी कुछ लेना देना नहीं है।
क्या हैं मानक
किसी भी वाहन के प्रदूषण स्तर को मापने के लिए इन केंद्रों पर प्रदूषण जांच मशीन को वाहन के साइलेंसर के अंदर डाला जाता है। इसके बाद गाड़ी से निकलने वाले धुएं की मशीन जांच करती है। जैसे एक बाइक का सीओ निर्धारित मानक स्तर 3.5 है, जबकि एचसी का मानक 4500 है। इसमें प्रदूषण इस स्तर से ऊपर नहीं जाना चाहिए।
पुरानी तारीख में भी काट देते हैं सर्टिफिकेट
शहर में बने प्रदूषण जांच केंद्र कहीं बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं तो कहीं बिना किसी मापदंड के। इतना ही नहीं केंद्रों के संचालक बिना किसी हिचक के ज्यादा पैसे लेकर पुरानी तारीख में भी प्रदूषण जांच का प्रमाण पत्र बना कर दे देते हैं।
वकील अहमद (एसडीएम, हथीन) ने बताया कि मानक भी पूरे नहीं करते क्षेत्र के अधिकांश प्रदूषण जांच केंद्र, बैक डेट में भी बना देते हैं प्रदूषण सर्टिफिकेट प्रदूषण जांच केंद्रों का औचक निरीक्षण कराया जाएगा। यह मामला गंभीर है। इन केंद्रों पर पूरे मापदंडों के आधार पर वाहनों में प्रदूषण जांच होना जरूरी है।
रवि शर्मा (युवा समाजसेवी, हथीन) का कहना है कि प्रदूषण जांच केंद्रों पर हो रही इस मिलीभगत को विभाग तुरंत प्रभाव से रोके। पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ने का वाहनों से निकलने वाला धुआं भी मुख्य कारक है।
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