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कहीं बंदर न बन जाएं कोरोना संक्रमण के वाहक

कोरोना से जिला जल्द ही संक्रमण मुक्त किया जा सके इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पुलिस प्रशासन के साथ सतत प्रयासरत है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 05:39 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 05:14 AM (IST)
कहीं बंदर न बन जाएं कोरोना संक्रमण के वाहक
कहीं बंदर न बन जाएं कोरोना संक्रमण के वाहक

संजय मग्गू, पलवल

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कोरोना से जिला जल्द ही संक्रमण मुक्त किया जा सके, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पुलिस प्रशासन के साथ सतत प्रयासरत है। सामूहिक प्रयास रंग भी ला रहे हैं, जिसकी बानगी है कि एनसीआर व प्रदेश में जिला रिकवरी रेट में अव्वल बना हुआ है।

ऐसे में जबकि जिले को कोरोना मुक्त करने की दिशा में शासन-प्रशासन व आमजन मिलकर काम कर रहे हैं, स्वास्थ्य विभाग की चिता है कि नागरिक अस्पताल परिसर व आइसोलेशन वार्ड में घूमने वाले बंदर कहीं संक्रमण के वाहक न बन जाएं।

शहर भर में बेसहारा पशुओं के साथ-साथ बंदरों का आतंक है। झुंड में घूमने वाले बंदर कब किस पर हमला कर उसे जख्मी कर दें, इसका किसी को अंदाजा नहीं रहता। शहर की पॉश कालोनी हों, बस्ती बाजार हों या फिर प्रमुख मार्ग कहीं भी बंदरों के झुंड को देखा जा सकता है। आइसोलेशन वार्ड में भी मरीजों के बीच बंदरों को विचरते हुए देखा जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग की चिता है कि संक्रमित रोगियों से संपर्क में आने वाले बंदर शहर में घूमते हुए कोरोना का विस्तार कर सकते हैं।

सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने बंदरों को लेकर स्वास्थ्य विभाग की चिता साझा करते हुए कहा कि संक्रमित रोगियों के संपर्क में आने वाले बंदर अगर शहर के बीच से निकलेंगे तो बड़े खतरे का कारण बन सकते हैं। अगर व किसी फल या सब्जी की दुकान पर पहुंच गए तो वहां सामान को संक्रमित कर देंगे। यदि किसी को काट लिया तो वह व्यक्ति संक्रमित हो जाएगा। डा. ब्रह्मदीप के अनुसार पिछले दिनों जिला उपायुक्त से शिकायत की थी तो दो-तीन दिन नगर परिषद ने बंदरों को पकड़ने का अभियान चलाया था, अब फिर वैसे ही हालात बन गए हैं।

नागरिक अस्पताल में बंदरों की समस्या है, जो कि विभाग के लिए भी परेशानी का कारण बनी हुई है। बंदर जहां उग्र होकर किसी पर हमला कर सकते हैं, वहीं कोरोना संक्रमण फैलाने में भी सहायक बन सकते हैं। बंदरों को पकड़ने के लिए पालिका आयुक्त व नगर परिषद को पत्र लिखा गया है।

- डा. सुषमा चौधरी, प्रवक्ता स्वास्थ्य विभाग मेरी जानकारी में नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बंदरों की समस्या को लेकर कोई पत्र लिखा है। वैसे शहर के कुछ हिस्सों में बंदरों की समस्या की शिकायत मुझे भी मिली है। पहले भी बंदरों को पकड़कर जंगल में छुड़वाया गया था। पालिका आयुक्त से चर्चा कर समस्या का समाधान कराया जाएगा।

- इंदू भारद्वाज, चेयरपर्सन, नगर परिषद


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