कोरोना के बाद के लक्षणों को न करे नजरंदाज : डा. ब्रह्मदीप
सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने कहा है कि कोरोना से ठीक हुए जो लोग पूरी तरह आराम नहीं कर रहे हैं तथा ठीक होते ही तुरंत अपना सामान्य जीवन शैली शुरू कर रहे हैं उन्हें परेशानी हो सकती है।
जागरण संवाददाता, पलवल : सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने कहा है कि कोरोना से ठीक हुए जो लोग पूरी तरह आराम नहीं कर रहे हैं तथा ठीक होते ही तुरंत अपना सामान्य जीवन शैली शुरू कर रहे हैं, उन्हें परेशानी हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसका असर बाद तक रहता है तथा संक्रमण मुक्त होने के बाद भी सेहत का ख्याल रखना और आराम जरूरी है।
डा. ब्रह्मदीप ने बताया कि दोबारा कोविड का खतरा कम है, लेकिन वायरल, थकावट, बदन दर्द तथा टीबी का खतरा ज्यादा रहता है। सांस लेने में दिक्कत होती है, गले में सूखापन, ब्लड प्रेशर पर असर, मधुमेह का खतरा होता है। थोड़ी सी लापरवाही से जान का खतरा फाइब्रोसिस बन रहा है, इसलिए तुरंत इलाज जरूरी है ताकि उसे जड़ से खत्म किया जा सके। जितना डर और चिता पहले कोरोना संक्रमण की थी, अब उतनी की परेशानी कोविड से ठीक होने के बाद भी देखी जा रही है।
सिविल सर्जन ने बताया कि विशेषज्ञ डाक्टरों का कहना है कि पोस्ट कोविड दिल व फेफड़ों में सबसे ज्यादा असर कर रहा है। इसका समय पर इलाज नहीं कराना जानलेवा भी हो सकता है। कई बार कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के फेफड़ों में फाइब्रोसिस बनने लगता है। इससे सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे मरीजों का समय पर इलाज नहीं होने से फेफड़े लंबे समय तक प्रभावित रहते हैं और कई मरीजों में यह दिक्कत हमेशा के लिए रह जाती है। प्रतिदिन लगा रहे कोरोना जांच शिविर
सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग सीएचसी व पीएचसी के गांव में कोरोना के लिए जांच शिविर लगाए जा रहे हैं, जिनमें एंटीजन किट से जांच की जा रही है तथा शिविर आगे भी लगातार जारी रहेंगे। उन्होंने बताया कि अनुमानत: एक हजार लोगों की प्रतिदिन जांच की जा रही है। इस जांच शिविर लगाने का मकसद यही है कि कोई भी व्यक्ति संक्रमित होकर लोगों के बीच न घूम रहा हो। डा. ब्रह्मदीप ने कहा कि कोरोना को जिले में जड़ से खत्म कराना है तो शारीरिक दूरी व मास्क जरूरी के नियम की सख्ती से पालन करना होगा।