सब्जियां दिखा रहीं ताव, तेल-दालों के भी बढ़े भाव
सब्जियों तेल दालों तथा राशन के सामान की कीमतें ही इस कदर बढ़ रही हैं कि घर का सारा बजट बिगड़ गया है।
संजय मग्गू, पलवल
हेमा के घर में डायनिग टेबल से सलाद तो पहले ही गायब हो चुका था, अब चटनी व दूसरी सब्जियों ने भी दूरी बना ली है। एक समय में दो सब्जियों या दाल के साथ खाना खाने वाले सुरेंद्र पाल भी घर में एक समय पर एक ही चीज (दाल या सब्जी) बनाने की नसीहत देने लगे हैं। कारण कि सब्जियों, तेल, दालों तथा राशन के सामान की कीमतें ही इस कदर बढ़ रही हैं कि घर का सारा बजट बिगड़ गया है। कोरोना काल में वैसे ही हर घर की अर्थवयवस्था गड़बड़ाई हुई है, उस पर महंगाई ने जीना दुश्वार कर दिया है।
महंगाई किस स्तर पर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अरहर की दाल में एक ही दिन में 25 रुपये का उछाल आ गया। अन्य दालों में भी 15 से 30 फीसद तक की बढ़ोतरी हो चुकी है तो तेल व रिफाइंड की कीमतों में भी 10 से 20 रुपये प्रति लीटर की महंगाई है।
मेहमान नवाजी के लिए सबसे पहले परोसी जाने वाली चाय भी अब 100 से 150 रुपये किलो तक बढ़े हुए भाव के चलते कसैली लगने लगी है। चाय पत्ती की कीमतों की बानगी यह है कि करीब दो माह पूर्व टाटा चाय 320 रुपये किलो थी, जो अब बढ़कर 480 रुपये किलो तक पहुंच गई है। जब ये सब महंगे हुए हैं तो मिर्च मसाले भी कहां रुकने वाले हैं, उनकी कीमतों में भी काफी तेजी दर्ज की जा रही है। दालों की बाजार में ये हैं कीमतें (प्रति किलो)
दाल दो माह पहले अब के भाव
चना दाल 60 रुपये 70 से 75 रुपये
सफेद छोले 70 रुपये 80 से 90 रुपये
उड़द दाल 80 रुपये 100 से 110 रुपये
मूंग दाल 90 रुपये 100 से 110 रुपये
अरहर दाल 100 रुपये 120 से 130 रुपये
मसूल दाल 65 रुपये 75 से 80 रुपये
राजमा 100 रुपये 120 से 130 रुपये
काले चने 60 रुपये 70 से 75 रुपये
बेसन 80 रुपये 90 से 100 रुपये
सरसों का तेल 110 रुपये 120 से 130 रुपये
रिफाइंड 100 रुपये 110 से 120 रुपये सब्जियों की ये हैं खुदरा कीमतें : (प्रति किलो)
सब्जी का नाम बाजार भाव
आलू नया 45 से 50 रुपये किलो
आलू पुराना 30 से 40 रुपये
प्याज 50 से 60 रुपये
टमाटर 50 से 60 रुपये
भिडी 40 से 50 रुपये
ग्वारफली 30 से 40 रुपये
गोभी 40 से 50 रुपये
पेठा 30 से 40 रुपये
मटर 120 से 150
शिमला मिर्च 120 से 150
पालक 20 से 30 रुपये
अदरक 80 से 100 रुपये
लहसुन 100 से 120 रुपये पिछले कुछ दिनों से दालों की कीमतों में लगातार तेजी आ रही है। इसके अलावा तेल, रिफाइंड व चाय पत्ती भी काफी महंगी हुई हैं। इससे जहां खुदरा व्यापारियों का मुनाफा घटा है, उपभोक्ताओं का भी बजट बिगड़ रहा है। सरकार को चाहिए कि दालों की दामों में बढ़ोतरी रोकने के लिए सरकारी स्टॉक में रखी दालों की बिक्री में बढ़ोतरी करे।
- प्रवीण गर्ग, किरयाना व्यापारी सब्जी महंगी होने के चलते ग्राहकी भी घटी हुई है। हालांकि नवरात्रों के चलते प्याज-लहसुन की मांग पहले से भी ज्यादा घट गई है, लेकिन वैसे भी ग्राहक सब्जी पहले की तुलना में कम खरीद रहे हैं। भाव बढ़ने से सेल तो बढ़ जाती है, लेकिन हमारा भी मुनाफा कम हो जाता है।
- अकरम, सब्जी विक्रेता दाल, सब्जियां, तेल व मसाले सबके रेट लगातार बढ़ रहे हैं, जिसके चलते रसोई का बजट भी बिगड़ा हुआ है। सब्जियों की कीमतें तो घटने का नाम ही नहीं ले रही हैं। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
- रूचि, गृहिणी रसोई का बजट पहले की तुलना में 20 से 30 फीसद तक बढ़ गया है। हर महीने रसोई के खर्च के लिए जो अनुमान रखा जाता है, वह महीना पूरा होने से पहले ही खत्म हो जाता है। सरकार का इस तरफ कोई ध्यान ही नहीं है।
- दीपिका गर्ग, गृहिणी