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जलभराव में न बह जाए कहीं स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिग

स्वछ सर्वेक्षण 2021 का आगाज हो चुका है और शहर के लोगों की दिली इछा है कि इस बार शहर के माथे पर लगा रैंकिग में पिछड़ेपन का दाग धुल जाए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2021 09:03 PM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2021 09:03 PM (IST)
जलभराव में न बह जाए कहीं स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिग
जलभराव में न बह जाए कहीं स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिग

संजय मग्गू, पलवल

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स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 का आगाज हो चुका है और शहर के लोगों की दिली इच्छा है कि इस बार शहर के माथे पर लगा रैंकिग में पिछड़ेपन का दाग धुल जाए। इसके लिए शहर के जागरूक नागरिक हर प्रकार के प्रयास कर रहे हैं, चाहे वह शासकीय व प्रशासनिक अधिकारियों संग बैठकों में भागीदारी कर सुझाव देना हो या फिर विभिन्न माध्यमों से हुक्मरानों व नौकरशाहों तक अपनी बात पहुंचाना हो।

इसकी बानगी भर है कि शहर में जगह-जगह होने वाले जलभराव की समस्या से मुक्ति पाने के लिए इंटरनेट मीडिया (फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्वीटर) पर प्तझील नगरी पलवल से अभियान चला रहे हैं। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों की बेरुखी शहरवासियों को खलती है, लेकिन स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिग कहीं जलभराव में बह न जाए इसकी चिता भी है। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी के साथ बैठक में भी सफाई के मुद्दे पर लोगों ने अपनी बात रखी थी।

शहर के कई हिस्सों जिनमें माल गोदाम रोड, पुराना जीटी रोड सहित शहर के लाइन पार के स्लम एरिया शामिल हैं, में जलभराव की समस्या जैसे नियति बन गई है। माल गोदाम रोड पर जलभराव के चलते जहां कारोबार पर असर पड़ रहा है। वहीं, आसपास की आवासीय कालोनियों के लोग भी समस्या से जूझते रहते हैं। जलभराव की समस्या से परेशान लोग आंदोलन भी कर चुके हैं तो गांधी गिरी का सहारा भी ले चुके हैं, लेकिन समस्या है कि सुलझती ही नहीं। विधायक को लिखा खुला पत्र :

इंटरनेट मीडिया पर पलवल चौपाल से ग्रुप चलाने वाले सदस्यों ने विधायक दीपक मंगला को खुला पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि वे सरकार से भारी ग्रांट भी ला रहे हैं तथा शहर के विकास को लेकर पूरी तरह से प्रयासरत भी हैं। लेकिन, परिषद व अन्य विभागों द्वारा ठेकेदारों के सामने नतमस्तक रहना भी है। पत्र में यह भी कहा गया है कि अनुभवहीन ठेकेदारों को काम देकर विधायक व सरकार की छवि को भी खराब करने की कोशिश की जा रही है। पत्र में नालों को ढकने के कार्य, सफाई के नाम पर खानापूर्ति व स्वीपींग मशीन की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए हैं। वैसे तो शहर के कई हिस्सों में जलभराव की समस्या है, लेकिन माल गोदाम रोड पर तो समस्या की इंतेहां हो गई है। न तो जन प्रतिनिधि इस समस्या को लेकर कुछ करते हैं व न ही अधिकारी।

- मनीष जैन, सामाजिक कार्यकर्ता सामाजिक संगठन कई दिन से झील नगरी ट्रोल कर रहे हैं। इंटरनेट मीडिया फेसबुक, व्हाट्सएप पर लोग इस अभियान में जुड़ रहे हैं, लेकिन शासन को परवाह ही नहीं है। परिषद व सरकार के जन प्रतिनिधियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।

- विनय शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता सफाई व्यवस्था का शहर में बुरा हाल हुआ पड़ा है। भले ही आठ करोड़ रुपये के भारी-भरकम बजट से टेंडर छोड़ा गया है, लेकिन हालात सुधरते नहीं दिख रहे। गंभीर प्रयासों के बिना न तो सफाई व्यवस्था सुधरेगी न ही रैंकिग मिलेगी।

- रेणु छाबड़ा , सामाजिक कार्यकर्ता सफाई व्यवस्था को लेकर नगर परिषद के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। घर-घर से कूड़ा उठाए जाने की योजना भी शुरू हो गई है। क्षेत्र के नागरिकों के सुझावों के साथ व्यवस्था को और बेहतर से बेहतर रखने का प्रयास किया जाएगा।

- दीपक मंगला, विधायक पलवल


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