फिर से जेल भेजे जाएंगे 2580 दोषी
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव पीयूष शर्मा ने कहा है कि न्यायमूर्ति राजन गुप्ता की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई हाई पावर्ड कमेटी की बैठक में तय कार्यक्रम के अनुसार कोविड को देखते हुए रिहा किए गए 2580 दोषियों का पुन कारागार में प्रवेश कराया जाएगा।
जागरण संवाददाता, पलवल : मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव पीयूष शर्मा ने कहा है कि न्यायमूर्ति राजन गुप्ता की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई हाई पावर्ड कमेटी की बैठक में तय कार्यक्रम के अनुसार कोविड को देखते हुए रिहा किए गए 2580 दोषियों का पुन: कारागार में प्रवेश कराया जाएगा। बैठक में हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव अरोड़ा, के. सेल्वराज, सेवानिवृत जेल महानिदेशक, प्रमोद गोयल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सदस्य सचिव हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण मौजूद रहे। बता दें कि हाई पावर्ड कमेटी का गठन उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के तहत राज्य स्तर पर 23 मार्च 2020 को कोविड-19 संक्रमण के चलते में जेल से पैरोल/अंतरिम जमानत पर दोषियों/विचाराधीन कैदियों की रिहाई के लिए किया गया था।
समिति के बनने के बाद से यह समिति जेलों के अंदर कोरोना संक्रमण के जोखिम से बचने के लिए दोषियों/विचाराधीन कैदियों की पैरोल/जमानत बढ़ा रही है। अब नौ चरणों में हाई पावर्ड कमेटी की सिफारिशों के तहत पैरोल पर रिहा किए गए दोषियों का फिर से कारागार में प्रवेश शुरू करने का फैसला किया है। जेल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि दोषियों का फिर से उच्चाधिकार समिति द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार कारागार में पुन: प्रवेश कराया जाए। दोषियों का पुन: प्रवेश उनके कारावास की अवधि के आधार पर 23 फरवरी 2021 से होगा। जेल अधिकारियों व स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे एक-दूसरे के साथ तालमेल करें और दोषियों के प्रवेश के समय सख्त परीक्षण तथा सभी प्रकार के प्रोटोकाल का पालन करें। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि जिन कैदियों को एक फरवरी 2021 को पैरोल/फर्लो पर रिहा किया गया था, वह सक्षम प्राधिकारियों द्वारा उन्हें दी गई पैरोल/ फर्लो की अवधि समाप्त होने पर आत्मसमर्पण करेंगे। स्वजनों से मुलाकात कर सकेंगे बंदी :
कमेटी की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार बंदियों को अपने परिवार के सदस्यों के साथ एक सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार तक फिर से मुलाकात शुरू करने की अनुमति दी है। विचाराधीन कैदियों और दोषियों को भी हर शनिवार को अपने वकीलों से मिलने की अनुमति दी गई है। एक महीने में दो बार अपने परिवार के सदस्यों के साथ विचाराधीन कैदी मिलेंगे, जबकि दोषियों को महीने में एक बार मिलने की अनुमति होगी। जेल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह मिलने के दौरान संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना, हाथों की सफाई, व शारीरिक दूरी के नियम का पालन कराएं।