वर्षों बाद भी नप तय नहीं कर पाई कूड़ा डालने का स्थान
वर्षों बीतने के बाद नगर परिषद प्रशासन शहर से निकले कूड़े को डालने का स्थान तक तय नहीं कर पाई है, जिसके कारण सफाईकर्मी अपनी मर्जी और सुविधा के अनुरूप कूड़े को जहां-तहां डालकर लोगों के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं। इसके चलते शहर कूड़े के ढेरों में तब्दील होता जा रहा है।
संवाद सहयोगी, होडल: वर्षों बीतने के बाद नगर परिषद प्रशासन शहर से निकले कूड़े को डालने का स्थान तक तय नहीं कर पाई है, जिसके कारण सफाईकर्मी अपनी मर्जी और सुविधा के अनुरूप कूड़े को जहां-तहां डालकर लोगों के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं। इसके चलते शहर कूड़े के ढेरों में तब्दील होता जा रहा है।
सफाईकर्मी कभी रामलीला मैदान में तो कभी जगजीवनराम चौक व राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास कूड़े को डाल देते हैं। फिलहाल कूड़े के लिए गढ़ी रोड पर पड़ी एक खाली भूमि को निर्धारित किया हुआ है। उक्त रास्ता गढ़ी पट्टी के अलावा दर्जनों गावों को जोड़ता है। सफाईकर्मियों द्वारा यहां डाले जा रहे कूड़े के ढेरों पर पूरा दिन आवारा पशु और पक्षी मंडराते रहते हैं। यहां से निकलने वाले राहगीरों को मुंह पर कपड़ा रखकर निकलने को मजबूर होना पड़ रहा है। इसके निकट ही घनी आबादी और भगवान परशुराम भवन बना हुआ है, जहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोगों का आवागमन होता है।
परिषद में फिलहाल लगभग 54 सफाई कर्मचारी तैनात हैं, जिनकी देखरेख के लिए एक सफाई निरीक्षक भी तैनात रहता है, लेकिन सफाई निरीक्षक के पास शहर की गलियों तक का विवरण नहीं है। परिषद द्वारा वर्षों बीतने के बाद भी शहर से निकले कूड़े को डालने का स्थान तय नहीं किया गया है, जिसके कारण शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। शिकायतों पर भी कोई सुनवाई नहीं होती।
- हरीश शर्मा कई बार शिकायत के बाद भी नगर परिषद द्वारा इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेरों से लोगों का जीना दूभर हो चला है। मामले में प्रशासन को गंभीरता बरतनी चाहिए।
- बिजेंद्र वशिष्ठ मैं इस बारे में सफाई निरीक्षक से पूछताछ करूंगा और शीघ्र ही कूड़े के ढेरों को हटवाया जाएगा। अगर कोई सफाईकर्मी सड़क किनारे कूड़ा डालता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
- मनेंद्र ¨सह, कार्यकारी अधिकारी, नप