10वीं व 12वीं के प्रायोगिक परीक्षाएं शुरू, दस तक चलेंगी
प्रायोगिक परीक्षाएं विद्यालय में ही कराई जाएंगी। 12वीं कक्षा के भौतिक रसायन व जीव विज्ञान विषयों की प्रायोगिक परीक्षाएं बोर्ड की ओर से नियुक्त किए गए परीक्षक संपन्न कराएंगे।
जागरण संवाददाता, पलवल: सोमवार से 10वीं और 12वीं की प्रायोगिक परीक्षाएं शुरू हो गईं हैं, 10 अप्रैल तक चलेंगी। वहीं, बोर्ड की तरफ से प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए परीक्षक व आब्जर्वर की भी नियुक्ति की गई है। आब्जर्वर सभी विषयों की प्रायोगिक परीक्षाओं का निरीक्षण करेंगे। बोर्ड की ओर से नियुक्त परीक्षक लेंगे प्रायोगिक परीक्षा:
प्रायोगिक परीक्षाएं विद्यालय में ही कराई जाएंगी। 12वीं कक्षा के भौतिक , रसायन व जीव विज्ञान विषयों की प्रायोगिक परीक्षाएं बोर्ड की ओर से नियुक्त किए गए परीक्षक संपन्न कराएंगे। वहीं 10वीं व 12वीं के बाकी विषयों की प्रायोगिक परीक्षाएं उन्हीं विद्यालयों में नियुक्त अध्यापक व प्राध्यापक लेंगे, जो उस विषय को पढ़ा रहे हैं। अगर किसी कारणवश संबंधित विद्यालय में परीक्षक प्रायोगिक परीक्षा के लिए नहीं पहुंचता है तो प्राचार्य को इसकी जानकारी बोर्ड के सहायक सचिव को मेल के माध्यम से देनी होगी। वहीं अगर आब्जर्वर नहीं पहुंचता है तो इसकी जानकारी संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को देनी होगी। वह बोर्ड की ओर से जारी की गई रिजर्व सूची से आब्जर्वर को संबंधित विद्यालय में भेजेंगे। बता दें कि आब्जर्वर की अनुउपस्थिति में परीक्षाएं नहीं कराई जाएंगी। 25-25 के ग्रुप में होंगी प्रायोगिक परीक्षाएं
कोरोना संक्रमण के चलते बोर्ड की तरफ से 25-25 विद्यार्थियों के ग्रुप बनाकर परीक्षाएं कराने के निर्देश दिए गए हैं। प्रतिदिन दो या तीन ग्रुप की परीक्षाएं संपन्न कराई जाएंगी। विद्यालय मुखिया की ओर से ग्रुप अनुसार फोटो खींचकर बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा, जिसमें परीक्षक, आब्जर्वर व सभी विद्यार्थी शामिल होंगे। ग्रुप फोटो अपलोड करने के बाद ही प्रायोगिक परीक्षा के अंक अपलोड हो सकेंगे। अगर कोई विद्यार्थी परीक्षा में अनुपस्थित रहता है तो दोबारा प्रायोगिक परीक्षा नहीं होगी।
दूसरी तरफ हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड परीक्षाएं की 20 अप्रैल से शुरू होनी हैं। स्कूलों में कोरोना संक्रमण को लेकर सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया जाएगा और रोजाना विभाग के अधिकारी निरीक्षण करेंगे। इसके लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है, जो आगामी दो सप्ताह में विद्यालयों का शैक्षणिक निरीक्षण करेगी व बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के बारे में रिपोर्ट बनाकर जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपेगी। अगर कोई विद्यालय नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के दौरान इन बिदुओं का ध्यान रखा जाएगा:
- विद्यार्थियों की उपस्थिति व सरकार द्वारा जारी नियमों का पालन हो रहा है या नहीं
- अध्यापक की ओर से बोर्ड एग्जाम रिवाइज्ड सिलेबस पर कार्य किया जा रहा है
- अध्यापक की ओर से करवाए गए होमवर्क, रिटन वर्क और टेस्ट का निरीक्षण
- विद्यार्थी के असेसमेंट के रिकार्ड की स्थिति, जैसे पुअर, एवरेज, गुड आदि
- अध्यापक द्वारा अच्छे बोर्ड रिजल्ट के लिए किए जा रहे अतिरिक्त प्रयास का निरीक्षण
- लो परफारमेंस वाले स्कूलों का प्राथमिकता के आधार पर निरीक्षण किया जाएगा।
अगर प्रायोगिक परीक्षाओं के दौरान विद्यालय मुखिया को कोई परेशानी हो तो संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूलों में करवाई जा रही पढ़ाई व कोविड-19 के नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। अगर कोई स्कूल नियमों को पालन नहीं करता है तो उसके इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई होगी।
-अशोक बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी