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बढ़ रहा धरनास्थल पर आंदोलनकारी किसानों का कारवां

कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की जिद के साथ आंदोलनकारी किसानों का कारवां एक बार फिर बढ़ता जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2021 06:55 PM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2021 06:55 PM (IST)
बढ़ रहा धरनास्थल पर आंदोलनकारी किसानों का कारवां
बढ़ रहा धरनास्थल पर आंदोलनकारी किसानों का कारवां

जागरण संवाददाता, पलवल : कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की जिद के साथ आंदोलनकारी किसानों का कारवां एक बार फिर बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर 52 पाल के अध्यक्ष अरूण जेलदार के नेतृत्व में राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित केएमपी-केजीपी इंटरचेंज के समीप चल रहे आंदोलनकारियों के धरने को सोमवार को आठवां दिन हो गया। आंदोलनकारी किसानों ने सड़क किनारे फुटपाथ पर फल-सब्जी व फूल उगाने शुरू कर दिए हैं तो पेयजल की पूर्ति के लिए सोमवार को आंदोलन स्थल के समीप नया बोर कराया गया।

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आंदोलनकारियों को पंच-पालों का भी लगातार समर्थन मिल रहा है। धरनास्थल पर अलग-अलग पाल के तंबुओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इसके साथ-साथ आंदोलनकारी किसानों ने अपने-अपने ट्राली व तंबुओं में टीवी की व्यवस्था भी कर ली है, जिससे आंदोलन की गतिविधियों से अपडेट होते रहे। 52 पाल के प्रधान अरूण जेलदार ने बताया कि विभिन्न पाल पंचों द्वारा आर्थिक सहयोग भी मिल रहा है।

वहीं, सोमवार को आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रवादी विचार मंच के अध्यक्ष स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती ने कहा है कि सरकार किसानों के प्रति गंभीर नहीं है, बल्कि भ्रमित कर रही है। उन्होंने कहा है कि सरकार के तीनों कानून गांव, गरीब, किसान व जनविरोधी हैं। सरकार एक काल की दूरी के नाम पर किसानों को गुमराह करने का असफल प्रयास कर रही है जब की सच्चाई ये है कि सरकार किसानों से बात करना ही नहीं चाहती । उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन सरकार या किसी पार्टी के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह तो किसान व किसानी को बचाने के लिए है। उन्होंने कहा है कि कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर कह रहे हैं कि किसान नेता यह बताने में असमर्थ रहे हैं कि कृषि कानूनों में काला क्या है। अगर कानूनों में कुछ भी काला नहीं है तो सरकार संशोधन व डेढ़ वर्ष के लिए स्थगित क्यों करना चाहती है।


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