किसानों के समर्थन में आए कर्मचारी संगठन, किया प्रदर्शन
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच कर रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में सर्व कर्मचारी संघ रिटायर्ड कर्मचारी संघ अखिल भारतीय किसान सभा व सीआइटीयू के संयुक्त तत्वाधान में आक्रोश प्रदर्शन किया गया।
जागरण संवाददाता, पलवल : कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच कर रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में सर्व कर्मचारी संघ, रिटायर्ड कर्मचारी संघ, अखिल भारतीय किसान सभा व सीआइटीयू के संयुक्त तत्वाधान में आक्रोश प्रदर्शन किया गया। किसान सभा के जिला प्रधान धर्मचंद की अध्यक्षता में आयोजित प्रदर्शन का संचालन सर्व कर्मचारी संघ के जिला सचिव योगेश शर्मा ने किया। प्रदर्शन में सर्वसम्मति से गिरफ्तार किसानों को तुरंत रिहा करने की मांग की गई। कार्यकर्ताओं ने देवीलाल पार्क से चलकर सोहना चौक तक जुलूस निकाला गया।
प्रर्दशनकारियों ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कर्मचारी नेता रमेश चंद व सीटू के उपप्रधान दरियाब सिंह ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार और हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकारों ने कृषि के तीन काले कानूनों को जबरदस्ती थोपने की जिद ठान रखी है। यह तीनों कृषि कानून पहले से ही घाटे में चल रही खेती व किसानी को बर्बाद कर देंगे। अब उन्होंने किसान आंदोलन को बिचौलिये दलालों का आंदोलन कहकर बदनाम करना भी शुरू कर दिया है।
देश भर में किसान संगठनों ने यह ऐलान कर दिया है कि हम इन किसान विरोधी कानूनों को स्वीकार नहीं करेंगे। कर्मचारी नेताओं ने कहा बिजली बिल 2020 में बिजली का पूरा निजीकरण करने का प्रस्ताव है। अगर यह कानून भी लागू हो जाता है तो इससे किसानों को खेतों के लिए मिलने वाली सस्ती बिजली व इसके साथ ही घरेलू बिजली भी महंगी हो जाएगी। जब सरकारी खरीद ही नहीं होगी तो न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
जब सरकारी खरीद नहीं तो सार्वजनिक वितरण प्रणाली भी नहीं तो पैदा करने वाले और खपत करने वाले दोनों की लूट होगी। प्रदर्शन में सर्व कर्मचारी संघ के नेता देवी सिंह सेजवाल, जितेंद्र तेवतिया, राजकुमार डागर, प्रेम सहरावत, रण सिंह, वीरपाल, राकेश तंवर, बीर सिंह सौरोत, हरकेश सौरोत, बालकिशन शर्मा, प्रदीप, किसान यूनियन के नेता ऋषिपाल चौहान, राहुल तंवर पृथला, चरण सिंह डागर, सीआइटीयू के नेता भागीरथ बेनीवाल, राज पांचाल, ताराचंद व दरियाब सिंह, हरीशचंद वर्मा व रघुबीर सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।