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बदहाल स्थिति में आरोही हैं स्कूल, घट रहे अध्यापक व छात्र

शिक्षा पर फोकस करते हुए सरकार भले ही प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सरकारी स्कूलों को संस्कृति माडल स्कूल बना रही है तथा कई स्कूलों को सीबीएसई से मान्यता दिला रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 07:52 PM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 07:52 PM (IST)
बदहाल स्थिति में आरोही हैं स्कूल, घट रहे अध्यापक व छात्र
बदहाल स्थिति में आरोही हैं स्कूल, घट रहे अध्यापक व छात्र

संजय मग्गू, पलवल

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शिक्षा पर फोकस करते हुए सरकार भले ही प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सरकारी स्कूलों को संस्कृति माडल स्कूल बना रही है तथा कई स्कूलों को सीबीएसई से मान्यता दिला रही है। लेकिन, करोड़ों रुपये की लागत से बने आरोही माडल स्कूल बदहाल स्थिति में पहुंचते जा रहे हैं। प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देने के लिए बनाए गए अंग्रेजी माध्यम के आरोही माडल स्कूलों की तरफ सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है, जिसके चलते स्कूलों में छात्रों की संख्या भी घट रही है तथा कांट्रेक्ट बेस पर लगाए गए अध्यापक भी छोड़ रहे हैं।

हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा बताते हैं कि सात साल पहले प्रदेश भर में 32 आरोही माडल स्कूल खोले गए थे, जिनमें से जिले में लाडियाका, गदपुरी, रामगढ़ व आली ब्राह्मण में शामिल थे। 10 एकड़ जमीन में खोले गए माडल स्कूल 10 करोड़ रुपए तक की लागत आई थी। कांग्रेस शासन में खोले गए इन स्कूलों पर सरकार की नजरें इनायत नहीं रहीं, जिसके चलते समय बीतते इनका हाल बेहाल होने लगा। योजना के अनुसार इन स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों को पांच वर्ष बाद नियमित किया जाना था, लेकिन उनकी फाईल विभाग के मुख्यालय में लंबित है। अंग्रेजी माध्यम से कराई जाती है पढ़ाई :

आरोही माडल स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कराई जाती है। जब स्कूल खोले गए थे तो इनमें नौवीं से 12 क्लास का पाठयक्रम था, जिसे बाद में बढ़ाकर छठी कक्षा से शुरू कर दिया गया। आरोही माडल स्कूल एसोसिएशन कई बार मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर मांग कर चुकी है कि सरकार द्वारा इन स्कूलों की ओर विशेष ध्यान दिया जाए। अध्यापकों को कांट्रेक्ट बेस की जगह स्थाई तौर पर रखा जाए। रिक्त पदों पर भी नियुक्ति हो, ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। 20 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री की सर्व कर्मचारी संघ के साथ बैठक हुई थी। बैठक में आरोही माडल स्कूल में पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले कर्मचारियों को नियमित करने तथा सातों वेतन आयोग का लाभ देने का फैसला किया गया था। लेकिन, मुख्यमंत्री की घोषणा पर अभी तक कोई भी अमल नहीं हुआ है।

- कैलाश शर्मा, प्रदेश महासचिव अभिभावक मंच व सदस्य आरोही एसोसिएशन इस महत्वपूर्ण विषय पर उचित कार्रवाई कराने का प्रयास कर रहे हैं। इस बारे में विधायक दीपक मंगला से भी मिलेंगे तथा उन्हें मांग पत्र दिया जाएगा। मुख्यमंत्री से मिलकर आरोही माडल स्कूलों की दशा सुधारने के लिए कार्रवाई कराने के लिए भी योजना प्रस्तावित है।

- मास्टर महेंद्र सिंह चौहान, जिला संयोजक सरकारी शिक्षा बचाओ समिति आरोही माडल स्कूल संस्कृति माडल स्कूलों की तरह ही शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कर रहे हैं। स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों का हर वर्ष कांट्रेक्ट नवीनीकरण कर दिया जाता है। अन्य सुविधाओं की तरफ भी पूरा फोकस है। अध्यापकों को नियमित करने की फाइल मुख्यालय में लंबित है।

- अशोक बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी


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