अनाजमंडी से बाहर रेत पर खुले में पड़ा गेहूं, प्रशासन उदासीन
खुले में पड़े गेहूं को भरने के लिए बारदाना (खाली कट्टे) भी भारी मात्रा में मंडी से बाहर उपलब्ध कराया जा रहा है।
गजराज सिंह, हथीन :
एक अप्रैल से गेहूं की आवक शुरू होने के बाद से आढ़तियों द्वारा नियमों को दरकिनार करते हुए अनाजमंडी के बाहर खेतों व मैदानों में लाखों क्विंटल गेहूं की ढेरियां लगाकर खरीद की जा रही है। खुले में पड़े गेहूं को भरने के लिए बारदाना (खाली कट्टे) भी भारी मात्रा में मंडी से बाहर उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन, अचंभे की बात है कि इसका गेटपास भी नियमानुसार काटा जा रहा है। खुले में बिना तिरपाल के पड़े गेहूं में रेत व मिट्टी को भी बोरियों में भरा जा रहा है, जिस पर किसी का ध्यान नहीं है। इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारी, खरीद एजेंसियां और हरियाणा राज्य कृषि विपणन मंडल (मार्केटिग बोर्ड) हथीन कोई कार्रवाई के मूड में नहीं दिखाई दे रहा है। इतना ही नहीं इन कट्टों को बिना किसी गुणवत्ता जांच के ही भरकर यहां से सीधा गोदामों में भेजा जा रहा है। ऐसा अनुमान है कि मंडी के अंदर जितना गेहूं पड़ा है उससे कई गुना बाहर खुले में है। इन स्थानों पर खुले में पड़ी है फसल:
अनाजमंडी से बाहर हुड्डा हाउसिग बोर्ड कालोनी, मंडी के मेनगेट के साथ, औद्योगिक क्षेत्र में जल संग्रहण केंद्र के पास स्थित कंपनियां, मोडिस स्कूल व सहरावत स्कूल के पास, धर्म कांटे के सामने, गांव गढ़ी विनोदा के मोड़ पर लाखों क्विंटल गेहूं बिना तिरपाल बिछाए खुले में पड़ा है। इतना ही नहीं मंडी से लगभग 10-12 किलोमीटर दूर रतीपुर गोदाम के पास भी इसी तरह गेहूं की खरीद हो रही है। गेहूं की खरीद के आंकड़े :
एक अप्रैल से शुरू हुई गेहूं की फसल बृहस्पतिवार शाम तक हैफेड एजेंसी ने 83 हजार 877 क्विंटल और वेयरहाउस एजेंसी ने एक लाख 21 हजार 88 क्विंटल की खरीद की है। शुक्रवार देर शाम तक फसल की खरीद जारी रही। मंडी में बारदाने (कट्टों) की कमी :
संबंधित खरीद एजेंसियों हैफेड व वेयरहाउस (एचडब्ल्यूसी) द्वारा बारदाना (कट्टे) उपलब्ध ना कराने को लेकर भी आढ़ती परेशान हैं, जिसके कारण मंडी की व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है। ज्यादातर आढ़तों के सामने भारी मात्रा में गेहूं खुले में पड़ा है। इससे फसल लेकर आ रहा किसान भी परेशान हो रहा है। हैफेड एजेंसी की लिफ्टिंग बाधित:
खरीद एजेंसी हैफेड द्वारा गेहूं के भरे हुए कट्टों की सुचारू रूप से लिफ्टिंग ना होने के कारण आढ़तियों को परेशानी हो रही है। ऐसे में मंडी में सभी जगह कट्टों ढेर लगने शुरू हो गए हैं, जिससे मंडी में आने वाली आवक को खाली कराने के लिए आढ़तियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। अभी तक हमारी फसल का भुगतान नहीं हुआ है। सरकार का तुरंत भुगतान का करने वादा केवल जुमलेबाजी तक ही सीमित दिखाई दे रहा है।
- महेश सहरावत, किसान गहलब
फसल का समय पर भुगतान ना होने कारण किसानों को घर चलाने में कठिनाई हो रही है। इसके साथ बच्चों की फीस भी भरनी होती है।
- अशोक, किसान धामाका नंगली किसानों की लगभग सात दिनों की पेमेंट का भुगतान नहीं हुआ है। सरकार का फसल भुगतान करने का 48 घंटे वाला वादा केवल कागजों तक ही सीमित है।
- देवी सिंह, किसान राखौता सरकार ने बिना गेट पास के भी फसल मंडी में लाने के निर्देश जारी किए थे लेकिन, किसान फसल मंडी में ले तो आया अब गेट पास कटवाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।
- देवराज सहरावत, आढ़ती हथीन मंडी में बारदाना उपलब्ध ना होने के कारण मार्केटिग बोर्ड सचिव, हैफेड व वेयर हाउस के पर्चेजरों को पत्र लिखा है। अब तक खरीद का आधा बारदाना भी उपलब्ध नहीं हुआ है।
- मंगल सिंह, प्रधान, अनाजमंडी हथीन
हैफेड द्वारा आनलाइन गेट पास कटने के बाद ही लिफ्टिंग होती है। पोर्टल में तकनीकी कारणों से यह समस्या बनी हुई है। सरकार के निर्देशों के तहत आफलाइन गेट पास बंद हैं। जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा।
चांद प्रकाश, पर्चेजर हैफेड एजेंसी हथीन अनाजमंडी से बाहर जिन आढ़तियों ने गेहूं की फसल खुले में डाली है उनको नोटिस जारी किए गए हैं। कट्टों में अगर खराब गेहूं की भराई की जा रही है तो इस पर संज्ञान लिया जाएगा। इस तरह खुले में किसी को भी गेहूं नहीं डालने दिया जाएगा।
अजय सिंह, सचिव मार्केटिग बोर्ड हथीन