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कार्बनिक खाद का उपयोग फसलों के लिए लाभकारी

कृषि विशेषज्ञ डा. महावीर सिंह मलिक ने कहा कि भूमि में उर्वरकों के साथ कार्बनिक खादों का भी प्रयोग करने से फसलों की उत्पादकता में बढ़ोतरी होती है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 06:10 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 06:10 PM (IST)
कार्बनिक खाद का उपयोग फसलों के लिए लाभकारी
कार्बनिक खाद का उपयोग फसलों के लिए लाभकारी

जागरण संवाददाता, पलवल: कृषि विशेषज्ञ डा. महावीर सिंह मलिक ने कहा कि भूमि में उर्वरकों के साथ कार्बनिक खादों का भी प्रयोग करने से फसलों की उत्पादकता में बढ़ोतरी होती है। गोबर की खाद, मुर्गी फार्म की खाद तथा चीनी मिल की प्रेस मड़ को कार्बनिक खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। डा. मलिक भूमि एवं जल परीक्षण प्रयोगशाला द्वारा आयोजित किसान जागरूकता संगोष्ठी में किसानों को मिट्टी व पानी की जांच के बारे में संबोधित कर रहे थे। संगोष्ठी की अध्यक्षता गांव की सरपंच राधा ने की तथा संचालन भूमि परीक्षण अधिकारी डा. सुमेर सिंह व मास्टर डालचंद ने किया।

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संगोष्ठी में डा. मलिक ने कहा कि क्योंकि कार्बनिक खाद पोषक तत्वों का भंडार होती है, इसलिए इनका खेत में लगातार प्रयोग करने से रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग में भी 100 फीसद तक कमी लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि भूमि में पोषक तत्वों की उपलब्धता की जानकारी भूमि परीक्षण कराने से ही लगाई जा सकती है। अत: वर्ष में एक बार फसल बिजाई से पहले मिट्टी की जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए। मिट्टी परीक्षण से किसानों को फसलों में डाले जाने वाले उर्वरक एवं खाद की सही मात्रा, भूमि सुधार के उपाय, पानी व खाद की बचत के बारे में सही सुझाव भी मिलते हैं। किसानों को स्वयं मिट्टी व पानी के नमूने लेने में दक्ष होना जरूरी है। नया ट्यूबवेल लगाते समय तथा बाद में जब भी पानी के स्वाद में अंतर आए तो पानी की जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए।

भूमि परीक्षण अधिकारी डा. सुमेर सिंह ने कहा कि कृषि विभाग की प्रयोगशालाओं में मिट्टी व पानी के जांच की कोई फीस नहीं लगती। खाद डालने के लिए मिट्टी का नमूना एक एकड़ में पांच जगह से 15 सेंटीमीटर गहराई तक लेना चाहिए। लिए गए नमूनों को अच्छी तरह मिलाकर इसमें से आधा किलो नमूना साफ थैली में भरें। पानी का नमूना ट्यूबवेल को दो घंटे चला कर चलती धार से ही शीशे की साफ बोतल में लें। बोतल पर अपना पूरा पता लिखकर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज दें।

सरपंच राधा रानी ने कहा कि पशुओं के गोबर व घर के कूड़े करकट को गड्ढे में डालकर कंपोस्ट खाद बनाएं, इससे स्वच्छता होगी। वहीं, फसलों के लिए संजीवनी भी मिलेगी। इस अवसर पर वीर सिंह, जगपाल दहिया, पूरनलाल, राजवीर, हरिचंद, कल्याण, सोहनलाल, पार्वती, कमला, बलवीर, भीम, हुकम सिंह, विजयपाल, सुखीराम, प्रकाश व देवी राम मौजूद थे।


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