जिले में सात हजार बच्चों ने दी रोड सेफ्टी परीक्षा
पूरे हरियाणा प्रदेश में मंगलवार को दूसरे चरण की रोड सेफ्टी परीक्षा का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में जिले में करीब 7224 विद्यार्थियों ने यह परीक्षा दी। जिले के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में रोड सेफ्टी को लेकर परीक्षा आयोजित कराई गई। इस दौरान डीएसपी विरेंद्र ¨सह व ट्रैफिक एसएचओ विनीत कुमार कोसलिया ने स्कूलों व कॉलेजों में बनाए गए परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। परीक्षा केंद्रों पर अध्यापकों व प्राफेसरों के सहयोग से रोड सेफ्टी परीक्षा पारदर्शिता पूर्ण संपन्न कराई गई। इस दौरान डीएसपी विरेंद्र ¨सह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस अधीक्षक नाजनीन भसीन के निर्देशानुसार जिले में यातायात सुरक्षा पर यह परीक्षा आयोजित कराई गई है।
जागरण संवाददाता, नूंह: पूरे हरियाणा प्रदेश में मंगलवार को दूसरे चरण की रोड सेफ्टी परीक्षा का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में जिले में करीब 7224 विद्यार्थियों ने यह परीक्षा दी। जिले के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में रोड सेफ्टी को लेकर परीक्षा आयोजित कराई गई। इस दौरान डीएसपी विरेंद्र ¨सह व ट्रैफिक एसएचओ विनीत कुमार कोसलिया ने स्कूलों व कॉलेजों में बनाए गए परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। परीक्षा केंद्रों पर अध्यापकों व प्रोफेसरों के सहयोग से रोड सेफ्टी परीक्षा पारदर्शिता पूर्ण संपन्न कराई गई।
इस दौरान डीएसपी विरेंद्र ¨सह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस अधीक्षक नाजनीन भसीन के निर्देशानुसार जिले में यातायात सुरक्षा पर यह परीक्षा आयोजित कराई गई है। इस परीक्षा का मकसद बच्चों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि इस जानकारी को विद्यार्थी केवल अपने तक सीमित ना रखें बल्कि अपने अभिभावकों से भी सांझा करें। उन्हें यातायात नियमों की जानकारी देकर उनकी पालना के लिए बाध्य करें। उन्होंने बताया कि आज के समय में यातायात नियमों को अनदेखा किया जाता है। बाइक चालक पुलिस से बचने के लिए हेलमेट का इस्तेमाल करते हैं। कार सवार चालकों का हाल भी यही है। जबकि हेलमेट और सीट बेल्ट उनकी सुरक्षा के लिए है। जीवन हर व्यक्ति का अनमोल होता है। इसे बचाने के लिए यातायात नियमों का पालन करें।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने आस-पड़ोस में भी लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करें। यातायात नियमों का पालन करने से सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है, लेकिन इससे पहले हमें अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए यातायात नियमों के प्रति जागरूक होना होगा। जिले के सभी स्कूलों में रोड सेफ्टी परीक्षा हुई है। जिसमें अध्यापकों और प्रोफेसरों का पूरा सहयोग रहा है। रोड सेफ्टी परीक्षा का मकसद लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करना है।
-विरेंद्र ¨सह, डीएसपी नूंह।