केएमपी एक्सप्रेस-वे पर बने अवैध कट बढ़ा रहे हादसे
केएमपी और केजीपी से लोगों के समय की बचत के साथ भीड़भाड़ से छुटकारा तो मिल गया लेकिन एक्सप्रेस-वे की प्रबंधन एजेंसी की लापरवाही व असुविधाओं के चलते आए दिन लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है।
संवाद सहयोगी,तावडू : देश की राजधानी का बाइपास कहे जाने वाले केएमपी (कुंडली मानेसर पलवल)और केजीपी (कुंडली गाजियाबाद पलवल) से लोगों के समय की बचत के साथ भीड़भाड़ से छुटकारा तो मिल गया लेकिन एक्सप्रेस-वे की प्रबंधन एजेंसी की लापरवाही व असुविधाओं के चलते आए दिन लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। टोल प्रबंधन कंपनियां सिर्फ पैसे वसूलने तक ही सीमित हैं।
केएमपी मार्ग पर हल्के वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है वहीं भारी वाहनों के लिए गति सीमा 90 किलोमीटर प्रति घंटा है। ऐसे में केएमपी एक्सप्रेस वे पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बनाए गए अवैध कट हादसों का कारण बन रहे हैं। इन अवैध कटों के चलते आए दिन होने वाले हादसों में लोग अपनी जान गवां रहे हैं। दुर्घटनाओं में 90 फीसद से ज्यादा दो पहिया वाहन चालक होते हैं। नूंह जिला क्षेत्र में केएमपी मार्ग पर बीच रोड पर लगाई जाने वाली लाइटें कहीं दिखाई नहीं देती। साथ ही इसके दोनों ओर अवैध रूप से खोले गए ढाबों के कारण वाहन चालक अपने वाहनों को गलत तरीके से मार्ग के बीच खड़ा कर देते हैं। जब इनके पीछे से अचानक आने वाले तेज रफ्तार वाहन अचानक निकलते हैं तो अवैध कटों पर चढ़ने वाले वाहनों से टकरा जाते हैं। अकेले तावडू थाना क्षेत्र की बात करें तो पिछले तीन माह के दौरान ही करीब दर्जन भर से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें से अधिकतर बाइक सवार हैं। इतने हादसों होने के बाद भी स्थानीय प्रशासन कुंभकरण की नींद सोया हुआ है।
केएमपी की देखरेख कर रही एजेंसी के सीनियर मैनेजर सुरेंद्र सिंह ने बताया कि अवैध कटों को बंद करने के लिए एजेंसी लगातार कार्य कर रही है। इसके बावजूद जो भी अवैध कट नए बनाए गए हैं उन्हें बंद कराया जाएगा। जिला प्रशासन को लिखकर भी उन्होंने मार्ग के दोनों तरफ अवैध रूप से लगाए गए खोखे हटवा दिए हैं। मार्ग के डिवाइडर के बीच बिजली पोल लगाने का कार्य भी शुरू कराया जा रहा है। उसके लिए अलग एजेंसी देखरेख कर रही है। दो पहिया वाहन की एंट्री को लेकर उन्हें कोई गाइडलाइन नहीं दी गई है।