Move to Jagran APP

नियमों और पारदर्शिता से ही हो मनरेगा के कार्य : डीसी

जागरण संवाददाता नूंह उपायुक्त अजय कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मनरेगा में

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 06:29 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 06:29 PM (IST)
नियमों और पारदर्शिता से ही हो मनरेगा के कार्य : डीसी
नियमों और पारदर्शिता से ही हो मनरेगा के कार्य : डीसी

जागरण संवाददाता, नूंह: उपायुक्त अजय कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मनरेगा में जो भी कार्य हो रहे हैं, उनके डिसप्ले बोर्ड लगाए जाएं। इन डिसप्ले बोर्डो पर कार्य की राशि अवधि सहित आवंटित कार्य का पूरा विवरण अंकित हो ताकि लोगों को इस बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके।

loksabha election banner

उपायुक्त बुधवार को जिला सचिवालय के सभागार में मनरेगा से जुड़े हुए कार्यों की संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति मनरेगा में काम करना चाहते हैं, वे ग्राम सचिव व सीएससी सेंटर पर लिखकर दे सकते हैं। जो व्यक्ति काम की मांग करेगा, उसे काम दिया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि मनरेगा में कार्य करने वाला उसी गांव का निवासी हो ताकि उन्हें काम के लिए दूर न जाना पड़े। डीसी ने निर्देश दिए कि मनरेगा के तहत जो भी कार्य हो वह नार्म व पारदर्शिता के तहत किए जाएं। इस संबंध में कोई भी शिकायत मिली तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। मनरेगा के तहत जो भी कार्य हुए हैं, उनके 10-10 कार्यों को खंड स्तर पर अगले 15 दिनों में चेक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्य का रजिस्टर मेनटेन हो तथा उस पर संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों की हस्ताक्षर हो ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत चेक किया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि मनरेगा में जो भी कार्य हों, वे पारदर्शिता व नार्म के साथ हों तथा धरातल पर कार्य दिखाई देना चाहिए। बैठक में बताया गया कि अप्रैल व मई माह में 2 करोड़ 75 लाख रुपये के कार्य मनरेगा के द्वारा हुए हैं तथा 54 लाख रुपये के कार्य चल रहे है। जुलाई तक वाटर बाडी बनाने के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्र में छोटे-छोटे चेक डैम भी बनाएं ताकि जल सरंक्षण हो सकें। उपायुक्त ने कहा कि जिले में 92 हजार जाब कार्ड होल्डर हैं। उनमें से केवल 21 हजार की वैरीफिकेशन अभी तक हुए हैं। वैरीफिकेशन के लिए कैंप लगाएं। एमबी पर जेई के साथ एसडीओ के हस्ताक्षर हों तभी भुगतान किया जाए। सीईओ ने बताया कि वर्ष में कम से कम 100 दिनों के मनरेगा एक्ट के तहत काम दिया जाता है। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत गरीब मजदूर परिवारों को ग्राम पंचायत में ही कार्य दिया जाता है, जिससे उन्हें रोजी रोटी की तलाश में पलायन करना ना पड़े। इसके लिए मनरेगा के तहत जाब कार्ड बनाया जाता है। इस अवसर पर सीईओ जिला परिषद गजेन्द्र सिंह ने मनरेगा में चल रहे कार्यों की पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी। सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, सभी एबीपीओ, पंचायत जेई, ग्राम सचिव सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.