क्रांतिकारियों को खोया हुआ सम्मान दे रही भाजपा
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष चौधरी ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि आज हम सबको उन शहीदों को याद करने की जरूरत है जिन्होंने देश को आजादी दिलाने में अपने प्राणों की आहुति दी लेकिन कांग्रेस सरकार ने इन शहीदों को इतिहास में उचित स्थान नहीं दिया।
जागरण संवाददाता, नूंह: भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष चौधरी ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि आज हम सबको उन शहीदों को याद करने की जरूरत है, जिन्होंने देश को आजादी दिलाने में अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इन शहीदों को इतिहास में उचित स्थान नहीं दिया।
उन्होंने मेवात के शहीदों को याद करते हुए यहां की सरजमीं को नमन किया और इसे बलिदानी बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा उन शहीदों को याद और नमन करने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है, जिन्हें पूर्व की सरकारों ने गुमनामी के अंधेरे में धकेल दिया था, लेकिन शहीद हमेशा अमर होते हैं। धनखड़ रविवार को नूंह स्थित पटेल वाटिका में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेसी केवल इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से चढ़कर, राजीव गांधी एयरपोर्ट पर उतरने तक सीमित रहे। कोलकता में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नाम पर एयरपोर्ट का नाम रखने का काम अटल सरकार ने किया तो पोर्ट बलेयर एयरपोर्ट का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखने का काम भी भाजपा सरकार ने किया। कांग्रेस सरकार ने कभी भी वाइपर टापू का इतिहास में जिक्र नहीं किया। यह वही टापू है जहां पर हमारे देश के क्रांतिकारियों को लाकर फांसी दी जाती थी। इसमें एक चैन गैंग जेल बनाई हुई थी जिसमें सात-सात लोगों को बांधकर रखा जाता था। इसी टापू पर शेरअली अफरीदी को वायसराय द्वारा फांसी दी गई थी। यहीं कई राजाओं को रखा गया था। उन्होंने इसी टापू का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस को यहां राष्ट्रीय स्मारक बनाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने इसे मलेशिया की एक कंपनी को होटल खोलने को दे दिया, लेकिन भाजपा द्वारा इसका पुरजोर विरोध करने पर इसे रद किया गया। शुरू में अंग्रेज हिदुस्तानियों को देश की मिट्टी भी नसीब नहीं होने देते थे। वो देश के लिए आवाज उठाने वाले रणबांकुरों को फांसी लगाकर समुद्र में फेंक दिया करते थे। जब इसका विरोध हुआ तो अंग्रेजों ने जेल बनाने का फैसला लिया।
सेलुलर जेल में कभी सात बैरक हुआ करते थे, लेकिन कांग्रेस ने इनको स्मारक न बनाकर उस पर एक अस्पताल का निर्माण करा दिया। अटलजी की सरकार ने इसे स्मारक का रूप देने का काम किया तो यहां शहीदों की याद में अमर ज्योति जलाई गई। नेताजी 41 वर्ष की उम्र में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे, लेकिन कुछ कांग्रेसियों को रास नहीं आए, नेताजी ने कांग्रेस छोड़ फारवर्ड ब्लाक संगठन खड़ा कर दिया। उन्होंने 30 दिसंबर 1943 को सबसे पहले अंडमान निकोबार में स्वतंत्र भारत का तिरंगा फहराया, लेकिन कांग्रेसियों ने सरकार आने पर उस जगह को भविष्य में झंडा फहराने पर बैन कर दिया। भाजपा सरकार आने पर न केवल वहां झंडा फहराया गया बल्कि उनकी याद में स्मारक भी बनाया। रोसआइस लैंड का नाम सुभाषचंद्र बोस द्वीप के नाम पर जाना जाएगा।
धनखड़ ने कहा जब वो प्रदेश के कृषिमंत्री थे तो उन्होंने गांवों के बाहर गौरव पट्ट लगवाए ताकि गुमनामी के अंधेरे में धकेले गए शहीद और बहादुर लोगों के बारे में आने वाली नस्लों को पता चल सके। नेताजी की 125वीं जयंती को लेकर ग्राम प्रमुख और वार्ड प्रमुख से उन्होंने कहा कि सभी प्रत्येक गांव और वार्ड में आजादी के अमृत महोत्सव पर पराक्रम दिवस के रूप में मनाएं और आजादी के तराने गाएं। इस मौके पर हरियाणा जय हिद बोलेगा। युवा प्रदेशाध्यक्ष राहुल राणा, जिलाध्यक्ष नरेंद्र पटेल ने भी अपने विचार रखे। इस दौरान पुन्हाना से पूर्व चेयरमैन भानीराम मंगला, एजाज खान, ओमबीर शर्मा, खुर्शीद राजाका, आलम उर्फ मुंडल, जिला मीडिया प्रभारी मनीष जैन, बीरपाल कालियाका, राजकुमार गर्ग, शिवकुमार उर्फ बंटी, संजय गर्ग, अंजूबाला, युवा जिलाध्यक्ष पंडित केशव, संजय मनोचा, ज्ञानचंद आर्य आदि कई कार्यकर्ता वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे।