जिले के 138 स्कूलों के 4275 विद्यार्थियों ने दी एनएएस की परीक्षा
शुक्रवार को जिले में नई शिक्षा नीति में बदलाव को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एनएएस) की परीक्षा का आयोजन करवाया गया। परीक्षा नोडल अधिकारी नरेंद्र यादव ने बताया कि जिले में परीक्षा पूरी तरह सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
जागरण संवाददाता, नूंह: शुक्रवार को जिले में नई शिक्षा नीति में बदलाव को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एनएएस) की परीक्षा का आयोजन करवाया गया। परीक्षा नोडल अधिकारी नरेंद्र यादव ने बताया कि जिले में परीक्षा पूरी तरह सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
बता दें परीक्षा जिले के 138 विद्यालयों में ली गयी जिसमें नूंह खंड के 38, पुन्हाना खंड के 32, तावडू के 30, नगीना खंड के 15, फिरोजपुर झिरका के 23 विद्यालय के विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। परीक्षा को लेने के लिए दूसरों स्कूलों से एफआई की ड्यूटी लगाई हुई थी। जिन्होंने परीक्षा को जिम्मेदारी समझते हुए सही तरीके से पूरा करवाया। सभी एफआई को परीक्षा करवाने के लिए पहले विशेष प्रशिक्षण दिया गया था।
परीक्षाओं के निरीक्षण के लिए उपमंडल अधिकारी एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी दौरे पर रहे। एसडीएम सलोनी शर्मा ने नूंह में डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल एवं राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नूंह का जायजा लिया। जिला परियोजना अधिकारी निरीक्षण के लिए राजकीय माध्यमिक विद्यालय चंदेनी पहुंचे जहां परीक्षा का सुचारू रूप से संचालन हो रहा था। इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि नेशनल अचीवमेंट सर्वे की परीक्षा में विद्यार्थियों को मिल रही शिक्षा गुणवत्तापूर्ण है या नहीं, इसकी भी जांच की जाती है। यह परीक्षा तीसरी, पाचंवी, आठवीं व दसवीं की कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को चयनित करके ली जाती है। जिला परीक्षा समन्वयक रविन्द्र जैन ने बताया कि आज इस परीक्षा में जिले से कुल 4275 विद्यार्थी परीक्षा में बैठे। वहीं सक्षम सेल से जिला सक्षम अधिकारी सुभाष जांगड़ा ने परीक्षा का निरीक्षण किया। जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश गोरिया ने बताया कि परीक्षा शुक्रवार सुबह 10:30 बजे शुरू हुई थी, इसमें तीसरी और पांचवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं 90 मिनट बाद 12 बजे और आठवीं और दसवीं की उत्तर पुस्तिकाएं 120 मिनट बाद 12:30 बजे वापस एक-एक विद्यार्थी से नंबर वाइज एकत्रित की गई। एफआइ एवं निरीक्षक के अलावा किसी को भी परीक्षा केंद्रों में नहीं जाने दिया गया। इन बच्चों के मूल्यांकन से ही राज्य की रैंकिग तय होगी।