कड़ाके की ठंड व शीतलहर के बीच लहलहा रहीं फसलें
क्षेत्र में कड़ाके की ठंड व सर्द हवा के बीच सरसों की फसल लहलहा रही है तो गेहूं की फसल भी खिल रही है।
संवाद सहयोगी, तावड़ू: क्षेत्र में कड़ाके की ठंड व सर्द हवा के बीच सरसों की फसल लहलहा रही है तो गेहूं की फसल भी खिल रही है।
वहीं, धूप न निकलने से लोग ठंड में ठिठुर रहे हैं। साथ ही धुंध और कोहरा राहगीरों के लिए मुसीबत बना हुआ है। शनिवार को अधिकतम तापमान 20 एवं न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पिछले तीन दिनों से लगातार निकली धूप के बाद शनिवार को ठंड व शीतलहर के चलते लोग देर तक घरों में ही रहे। वहीं, गेहूं व सरसों की फसलों के लिए विशेषज्ञ ठंड को लाभकारी बता रहे हैं। कोहरे के बीच वाहन चालक भी अपने वाहनों की हेड लाइट जलाकर रेंगते दिखाई पड़े। जबकि कोहरे के साथ सर्दी व शीतलहर की वजह से बेजुबान पशुओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जो पशु अंदर पशुबाड़े में थे वो अंदर ही बंधे रहे जबकि जो पशु बाहर पेड़ के नीचे बांधे गए थे वो धुंध व ओस पड़ने से भीगते देखे गए। हालांकि, किसान ठंड को रबी की फसलों के लिए भी फायदेमंद मान रहे हैं। उनका मानना है कि ज्यादा समय तक पड़ने वाली ठंड गेहूं व सरसों की फसलों के लिए अमृत के समान हैं। लंबे समय तक पड़ने वाली सर्दी से इनकी पैदावार में बढ़ोतरी होना तय है।
लगातार पड़ रही ठंड फसलों के लिए अत्यंत फायदेमंद है, गेहूं की फसल के लिए तो यह अमृत तुल्य है। हां, यदि ठंड के साथ पाला पड़ता है तो वह सरसों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। सरसों की फसल में पाले के कारण जो बालियों में दाने पड़ रहे हैं वो पानी बन जाते हैं। फिलहाल अभी पाला पड़ा नहीं है।
- महावीर सिंह, उपनिदेशक कृषि विभाग, नूंह