पंचायतों में आधी भागीदारी मिलने पर महिलाओं ने जाहिर की खुशी
प्रदेश सरकार द्वारा पंचायतों में 50 फीसद हिस्सेदारी के साथ राइट टू रिकाल कानून बनने पर महिलाओं ने खुशी जाहिर की है।
संवाद सहयोगी, तावडू: प्रदेश सरकार द्वारा पंचायतों में 50 फीसद हिस्सेदारी के साथ राइट टू रिकाल कानून बनने पर महिलाओं ने खुशी जाहिर की है। उनका मानना है कि सही मायने में प्रदेश की आधी आबादी को उनका हक दिया गया है वहीं राइट टू रिकाल कानून बनने से भ्रष्टाचार पर भी काफी हद तक लगाम लगाई जा सकेगी। पढ़ी लिखी महिलाएं अब गांवों के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, जिससे अभी तक उन्हें वंचित रखा गया था। प्रदेश सरकार के इस निर्णय को लेकर महिलाओं ने अपने विचार व्यक्त किए हैं। सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय के दूरगामी परिणाम होंगे। महिलाओं को आगे बढ़ाने में यह कानून महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।
- मनीता गर्ग, चेयरपर्सन नगरपालिका तावड़ू ब्लॉक समिति, जिला पार्षद, विधायक व सांसद पर भी राइट टू रिकाल कानून लागू होना चाहिए। इनकी भी मतदाताओं के प्रति जवाबदेही बनती है। इन पर भी यह लागू होने से ऊपरी स्तर पर भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकेगा।
- शबनम खान, पूर्व सरपंच छारोड़ा राइट टू रिकाल कानून के अमल में आने से जनप्रतिनिधि मतदाताओं के प्रति अपनी जवाबदेही के प्रति गंभीर होंगे। सरकार को भी इसे लागू करने में पूरी ईमानदारी बरतनी होगी।
- शाहीन खान, जिला पार्षद वार्ड-3, नूंह महिलाओं को निर्णय लेने का भी पूरा अधिकार मिले, तभी इसका लाभ इन्हें मिलेगा। मात्र रबर स्टांप बनकर पद पर आसीन हो जाने से लोगों का भला नहीं होने वाला। पुरुष प्रधान समाज में निर्णय लेने का अधिकार हमें मिले, तभी सही मायने में इस कानून का लाभ महिलाओं को मिल पाएगा।
- अन्नू कौशिक, खिलाड़ी