पशु मेला न लगने से नपा को लाखों का नुकसान
कोरोना महामारी के चलते पिछले सात महीने से फिरोजपुर झिरका में लगने वाला पशु पैठ (पशु मेले) का बाजार बंद पड़ा है।
संवाद सहयोगी, फिरोजपुर झिरका: कोरोना महामारी के चलते पिछले सात महीने से फिरोजपुर झिरका में लगने वाला पशु पैठ (पशु मेले) का बाजार बंद पड़ा है। पशु मेले के न लगने से सबसे ज्यादा नुकसान इस समय नगर पालिका प्रशासन को उठाना पड़ रहा है।
दरअसल, पालिका प्रशासन द्वारा इसी साल इस पशु मेले का ठेका ढाई करोड़ रुपये में छोड़ा गया था। लेकिन महामारी के चलते जो पैसा आना था वो नहीं आया।
पशु मेले से पालिका प्रशासन को सबसे ज्यादा राजस्व प्राप्त होता है। इसी राजस्व से पालिका प्रशासन अपने तमाम कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करता है। लेकिन वर्तमान में स्थिति में पालिका प्रशासन के कर्मचारियों के वेतन के लाले पड़े हुए हैं। चोरी छिपे लगाया जा रहा है मेला : फिरोजपुर झिरका में पशु मेले के बंद होने के चलते इस समय क्षेत्र के कई गांवों में चोरी छिपे पशु मेला लगाया जा रहा है। नियमों को ताख पर रख चलाए जा रहे इन पशु मेले की वजह से जहां एक तरफ नगर पालिका प्रशासन को नुकसान हो रहा है। वहीं, कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर बनाए गए नियमों का भी उल्लंघन हो रहा है। जानकारी मिली है कि शहर के ढोंढ व गांव दोहा में इस समय पशु मेले चोरी छिपे चलाए जा रहे हैं। जिला पालिका आयुक्त ने इनपर कार्रवाई करने की बात कही है। हजारों हाथ हुए बेरोजागर : पशु मेले के बंद होने से जहां नगर पालिका को भारी नुकसान हो रहा है। वहीं, इस कार्य से जुड़े हजारों लोग बेरोजगार भी हो गए हैं। दरअसल, इस कार्य से क्षेत्र के काफी लोग जुड़े हुए हैं। सप्ताह के मात्र तीन दिन चलने वाली इस मेले में हजारों की संख्या में पशु बिकने आते हैं। पशु मेले में यहां काफी दुकानें भी लगती हैं। ऐसे में इसमें खरीद फरोख्त करने आने वाले लोगों के साथ ही दुकानदार भी बेरोजगार बैठे हुए हैं। फिरोजपुर झिरका नपा को पत्र लिखकर पशु पैठ से संबंधित कुछ जानकारियां मांगी गई हैं। इस बारे में संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर पशु पैठ पुन: शुरू करवाने पर विचार किया जाएगा।
मुनीष नागपाल, जिला पालिका आयुक्त, नूंह