धांधली के चलते मजदूरों को मनरेगा योजना का नहीं मिल रहा लाभ
मजदूरों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा बनाई गई मनरेगा योजना के तहत उपमंडल के कई गांवों में धांधली की जा रही है।
संवाद सहयोगी, पुन्हाना: मजदूरों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा बनाई गई मनरेगा योजना के तहत उपमंडल के कई गांवों में धांधली की जा रही है। सरपंच व पंचायत विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते योजना में हो रहे भ्रष्टाचार से मजदूरों को योजना का तनिक भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से योजना के तहत किए जा रहे कार्यों की विजिलेंस से जांच कराने की मांग की है, ताकि भ्रष्टाचार का खेल उजागर होने के साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।
क्षेत्रवासी रफीक, अकबर, धूप खां, युसुफ बिघौत, लक्ष्मण, रविदर, कृष्ण कुमार सहित लोगों ने बताया कि पुन्हाना उपमंडल के गांव जाडौली, डूडौली, जमालगढ़, टिकरी-बांधौली, बादली, नहेदा सहित कई गांवों में मनरेगा योजना के तहत विकास कार्यों के नाम पर करोड़ों रुपये की राशि खर्च की गई है। उक्त गांवों में कच्चे व पक्के विकास कार्य मजदूरों से न कराकर जेसीबी से कराए गए हैं। वहीं निर्माण सामग्री भी नाम मात्र लगाकर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। जिसको लेकर कई बार कर्मचारियों से लेकर पंचायत विभाग के बड़े अधिकारियों को भी शिकायत की है, लेकिन आपसी मिलीभगत के चलते कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।
उन्होंने बताया कि गांवों के सरपंचों द्वारा जहां फर्जी तरीके से मजदूरों के जॉब कार्ड बनवाए हुए हैं, वहीं जॉब कार्डो को अपने कब्जे में भी लिए हुए हैं। इसके साथ ही जॉब कार्ड वाले मजदूरों से पहले ही विडरॉल फार्म पर अंगूठा लगवा लेते हैं। जिससे मजदूरों को पता ही नहीं चल पाता कि कब उनके खातों में राशि आई और कब निकल गई। इसके साथ ही कुछ सरपंचों ने मजदूरों के एटीएम बनवाकर अपने पास रखे हुए हैं। जिससे कोरोना महामारी में मजदूर पूरी तरह से परेशान हैं। वहीं सरकार व पंचायत विभाग की भी जमकर बदनामी हो रही है। - जल्द ही एक टीम बनाकर गांवों में मनरेगा योजना के तहत कराए गए कार्यों की गहराई से जांच कराई जाएगी। जांच में धांधली पाने पर सरपंच से लेकर कर्मचारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- पंकज, उपायुक्त नूंह।