श्रद्धालुओं ने किया दान-पुण्य, मीठा पानी भी पिलाया
निर्जला एकादशी पर श्रद्धालुओं ने जहां दान पुण्य किया वहीं पूजन-पाठ के साथ ही शरबत वितरण कर श्रद्धालुओं ने पुण्य कमाया।
जागरण संवाददाता, नूंह: निर्जला एकादशी पर श्रद्धालुओं ने जहां दान पुण्य किया वहीं पूजन-पाठ के साथ ही शरबत वितरण कर श्रद्धालुओं ने पुण्य कमाया। इस दौरान अनलॉक-1 के चलते शारीरिक दूरी का भी ख्याल रखा गया और श्रद्धालुओं ने मास्क भी लगाया। कई जगह पर तो श्रद्धालुओं ने लस्सी को आसपास के घरों में जाकर वितरित किया। यदि कहीं तीन या चार लोगों से अधिक संख्या रही तो श्रद्धालुओं ने लोगों को कोरोना से बचाव का मंत्र देकर लोगों को वहां से हटा भी दिया।
निर्जला एकादशी पर्व मंगलवार को अधिकतर लोगों ने घरों में ही रहकर मनाया। अन्य वर्षों में इस दिन लोग मीठा, ठण्डा जल वितरण करके पुण्य कमाते हैं तथा जगह-जगह भण्डारों का आयोजन होता हैं। इस बार पर्व पर कोविड-19 का पूरा असर दिखा और ज्यादातर लोगों ने अपने घरों में ही व्रत रखकर अपने अराध्य की पूजा की। निर्जला एकादशी पर दान, स्नान, पूजा, व्रत का विशेष महत्व हैं। शारीरिक दूरी का ख्याल रखकर मनाया पर्व
संवाद सहयोगी, पुन्हाना: निर्जला एकादशी पर लोगों ने जहां निर्जला एकादशी का व्रत रखा। लोगों को मीठा व ठंडा पानी पिलाकर प्यास बुझाई गई। अनाज मंडी के व्यापारियों ने छबील लगाई। मार्केट कमेटी के चेयरमैन उमेश आर्य, खिलौनी राम सैनी व धर्मबीर अग्रवाल सहित लोगों ने बताया कि मान्यता है की निर्जला एकादशी के दिन दान-पुण्य करने से मनुष्य को स्वर्ग की प्राप्ति के साथ ही इंद्र देव खुश होकर बारिश कर इस दौरान पड़ रही भीषण गर्मी से राहत देते हैं। संसार में सबसे श्रेष्ठ व्रत निर्जला एकादशी का है। इस भावना से परिपूर्ण होकर शारीरिक दूरी का ख्याल रखकर शहरवासियों द्वारा लोगों को मीठा पानी पिलाया गया। उम्मीद है कि लोगों की इस निष्काम सेवा से इंद्र देव खुश होकर बरसात कर लोगों को गर्मी से राहत देंगे। अच्छी बारिश के लिए की ईश्वर से प्रार्थना
संवाद सहयोगी, फिरोजपुर झिरका: शारीरिक दूरी का ख्याल रखकर मंगलवार को लोगों को मीठा पानी पिलाया गया। शास्त्रों के अनुसार दान करना व प्यासे को पानी पिलाना पुण्य का काम है। इस अवसर पर भूषण गोयल, गिर्राज प्रसाद, राजेश जैन, राकेश अग्रवाल, अंशुल गोयल आदि ने बताया कि मंगलवार को निर्जला एकादशी के मौके पर लोगों ने मीठे पानी की छबील लगाकर धर्मलाभ कमाया। युवाओं ने इलाके की समृद्धि और खुशहाली के लिए ईश्वर से अच्छी बारिश और क्षेत्र में अमन शांति के लिए प्रार्थना की। निर्जला एकादशी का महत्व
शिवमंदिर विकास समिति के अध्यक्ष अनिल गोयल ने बताया कि निर्जला एकादशी पर निर्जल रहकर भगवान विष्णु की अराधना की जाती है। इसीलिए इसे पावन पर्व कहा गया है। इसकी अपनी एक सामाजिक उपयोगिता भी है। वर्तमान कोरोना काल में इसकी प्रासंगिकता बढ़ गई है। ये पर्व हमें न केवल सामाजिक सद्भाव के रास्ते पर चलने की सीख देता है बल्कि ये त्योहार हमें निर्धन गरीब और असहाय लोगों को जल, अन्न, वस्त्र आदि देकर मदद करने की भी प्रेरणा देता है।