लीड..) भीषण गर्मी के चलते सूखने लगे तालाब
भीषण गर्मी के चलते जहां धरती तप रही है वहीं क्षेत्र के अधिकतर गांवों के तालाब सूखने लग गए हैं जिससे गांवों में पशुओं को नहलाने से लेकर पीने तक को पानी नहीं मिल पा रहा है। तालाबों से सूखने से पशु पालक परेशान। फोटो 27 एमडब्ल्यूटी 04 जेपीजी चित्र परिचय पुन्हाना के गांव बादली में सूखा पडा तालाब। संवाद सहयोगी पुन्हाना भीषण गर्मी के चलते जहां धरती तप रही है वहीं क्षेत्र के अधिकतर गांवों के तालाब सूखने लग गए हैं। जिससे गांवों में पशुओं को नहलाने से लेकर पीने तक को पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में पशुओं के लिए भी जल संकट पैदा हो गया है। जिससे पशु पालक भी प्रभावित हो रहे हैं। पशु पालकों ने सरकार व जिला प्रशासन से सूखे तालाबों में पानी भरने की मांग की है।
संवाद सहयोगी, पुन्हाना: भीषण गर्मी के चलते जहां धरती तप रही है वहीं क्षेत्र के अधिकतर गांवों के तालाब सूखने लग गए हैं जिससे गांवों में पशुओं को नहलाने से लेकर पीने तक को पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में पशुओं के लिए भी जल संकट पैदा हो गया है जिससे पशु पालक परेशान हैं। पशु पालकों ने सरकार व जिला प्रशासन से सूखे तालाबों में पानी भरने की मांग की है।
क्षेत्र वासी जावेद, बनवारी, इकबाल, अकबर, जाकिर, मुस्ताक, लियाकत खान सहित अन्य पशु पालकों ने बताया कि पशु पालन कर उनके दूध को बेचकर अपने परिवार का गुजारा करते हैं। पशुओं को नहलाने व पानी पिलाने के लिए गांवों में बने तालाबों में ले जाते थे, लेकिन बढ़ती गर्मी के चलते सभी तालाब सूखने लगे हैं। जिन गांवों में वाटर सप्लाई को पानी आ रहा है वहां तो परेशानी नहीं है, लेकिन सैकड़ों गांवों में पानी की एक बूंद भी नहीं आ रही है। ऐसे में पशुओं को दूर-दराज नहलाने व पानी पिलाने के ले जा रहे हैं।
पशुपालकों ने कहा कि कई बार पशुओं को पानी खरीदकर भी पिलाना पड़ रहा है। इसके साथ ही गर्मी में पशुओं के बीमार होने से दूध भी घट गया है जिससे उन्हें पशु पालन करने में भारी समस्या का सामना करना पड रहा है। वहीं उनकी आमदनी भी घट गई है। जिससे परिवार का गुजारा भी नहीं हो पा रहा है। अभी मानसून आने में काफी समय है। जिसको देखते हुए जिला प्रशासन व सरकार को तालाबों में पानी भरने के व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि पशुओं को पानी मिल सके।
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गर्मी का मौसम है ऐसे में प्रशासन का फर्ज बनता है कि लोगों को पानी मुहैया कराया जाए। पूरा प्रयास किया जाएगा कि पशु पालकों की परेशानी को देखते हुए गांवों के तालाबों को भरवाया जा सके।
डा. वैशाली शर्मा, एसडीएम पुन्हाना।