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1000 रुपये प्रति एकड़ किसानों को हो रहा नुकसान : योगेंद्र यादव

स्वराज इंडिया पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि देश की आजादी से अब तक किसी भी सरकार ने किसानों की ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। किसानों के हितों पर कुठारघात करते हुए जहां कांग्रेस ने किसानों को अस्पताल तक पहुंचाया तो बीजेपी ने दो कदम आगे आइसीयू तक पहुंचा दिया। किसानों के हितार्थ न तो मोदी सरकार की नीयत है और न इनके पास कोई नीति। तावडू नई अनाज मंडी में सरसों खरीद का जायजा लेने के बाद पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने ये बातें कही। योगेंद्र यादव ने कहा कि तावडू नई अनाज मंडी में सरसों खरीद के नाम पर किसानों की गाढ़ी कमाई को

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 08:17 PM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 06:33 AM (IST)
1000 रुपये प्रति एकड़ किसानों को हो रहा नुकसान : योगेंद्र यादव
1000 रुपये प्रति एकड़ किसानों को हो रहा नुकसान : योगेंद्र यादव

संवाद सहयोगी, तावडू :

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स्वराज इंडिया पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि देश की आजादी से अब तक किसी भी सरकार ने किसानों की ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। किसानों के हितों पर कुठाराघात करते हुए जहां कांग्रेस ने किसानों को अस्पताल तक पहुंचाया तो बीजेपी ने आइसीयू तक पहुंचा दिया।

तावडू नई अनाज मंडी में सरसों खरीद का जायजा लेने के बाद पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने ये बातें कही। योगेंद्र यादव ने कहा कि तावडू नई अनाज मंडी में सरसों खरीद के नाम पर किसानों की गाढ़ी कमाई को चूसने का काम चल रहा है। लेकिन हैरत देखिए न तो विभागीय अधिकारी इस और गंभीर हैं और न ही जिला प्रशासन। सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4200 रूपये प्रति क्विंटल है लेकिन सरकार द्वारा समुचित रूप से खरीद न करने के चलते किसानों को 2800-3300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मजबूरन आढ़तियों को सरसों बेचनी पड़ रही है। खरीद को लेकर लगभग 2200 किसानों के जिले में रजिस्ट्रेशन हुए हैं और इनमें से भी केवल 19 किसानों की तावडू मंडी में सरसों खरीद हुई है। उन्होंने कहा कि तहसीलदार राकेश कुमार, मार्केट कमेटी सचिव मनीष व हैफेड प्रबंधक नीरज यादव से खरीद को लेकर जानकारी ली है। वहीं तहसीलदार को इस संदर्भ में एक ज्ञापन भी दिया है। उन्होंने कहा कि अपने दो दिवसीय दौरे में वे तावडू, भिवानी, अटेली, कोसली, रेवाड़ी की मंडियों में खरीद का जायजा लेंगे।

इनसे सुधरेगी किसानों की हालत :

किसानों को गारंटी के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का कानून केंद्र सरकार बनाए। किसानों के कर्ज को पूर्णतया माफ किया जाए। राष्ट्रीय किसान नीति व किसान ऋण मुक्ति आयोग बने। तब जाकर किसानों की हालत में सुधार हो सकता है।


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