मौसमी वायरल की चपेट में फिरोजपुर झिरका
फिरोजपुर झिरका इलाका इन दिनों मौसमी बुखार से जूझता हुआ नजर आ रहा है। इसका अंदाजा स्थानीय सरकारी तथा प्राइवेट अस्पतालों में लगी मरीजों की भीड़ से लगाया जा सकता है। मौसम बदलते ही बुखार की चपेट में आए इलाके के लोगों की देखरेख में जिला स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क नजर आ रहा है। विभाग ने मरीजों की संख्या को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में अतिरिक्त डॉक्टरों की नियुक्ति की है। सरकारी अस्पताल से मिले आंकडों पर गौर करें तो अकेले फिरोजपुर झिरका नागरिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन 200 से 300 मरीज बुखार से पीड़ित पहुंच रहे हैं। प्रवर चिकित्सा अधिकारी डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि इलाके में मलेरिया व डेंगू का एक भी मामला नहीं है। जबकि वायरल पीड़ित से
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर झिरका(नूंह): फिरोजपुर झिरका इलाका इन दिनों मौसमी बुखार से जूझता हुआ नजर आ रहा है। इसका अंदाजा स्थानीय सरकारी तथा प्राइवेट अस्पतालों में लगी मरीजों की भीड़ से लगाया जा सकता है। मौसम बदलते ही बुखार की चपेट में आए इलाके के लोगों की देखरेख में जिला स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क नजर आ रहा है। विभाग ने मरीजों की संख्या को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में अतिरिक्त डॉक्टरों की नियुक्ति की है।
सरकारी अस्पताल से मिले आंकडों पर गौर करें तो अकेले फिरोजपुर झिरका नागरिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन 200 से 300 मरीज बुखार से पीड़ित पहुंच रहे हैं। प्रवर चिकित्सा अधिकारी डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि इलाके में मलेरिया व डेंगू का एक भी मामला नहीं है। जबकि वायरल पीड़ित से मरीजों की खासी संख्या है। मरीजों की संख्या देखते हुए तथा उन्हें जरुरी उपचार देने के लिए अतिरिक्त डॉक्टरों को तैनात किया गया है।
बता दें, कि उपमंडल के दर्जनभर गांवों में इस समय मौसमी बुखार का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। उपरोक्त गांवों में मौसमी बुखार से जूझ रहे लोग अपना इलाज प्राइवेट तथा सरकारी अस्पतालों में पहुंचकर करा रहे हैं। मौसमी वायरल के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह सतर्क नजर आ रहा है। मौसमी बुखार से जूझ रहे लोगों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने समस्त जिले में 40 एमपीएचडब्ल्यू वर्कर के साथ आयुष विभाग के 28 चिकित्सकों को ग्रामीण इलाकों में तैनात किया है। स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य है कि जिले में मलेरिया व डेंगू को पनपने से पहले नियंत्रित किया जा सके। विभाग की 50 से अधिक टीमें ग्रामीणों को मौसमी बीमारियों से बचाने के लिए जागरूक भी कर रही हैं।