फोरलेन बने सड़क तो मिले दुर्घटनाओं से छुटकारा
गुरुग्राम-अलवर हाईवे पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। लोग अब इस हाइवे से गुजरने में कतराने लगे हैं। सड़कों पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाओं को लेकर मेवात के लोग चिता में है। इन दुर्घटनाओं को देखकर लोग जिला अस्पताल मांडीखेड़ा में ट्रामा सेंटर की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी लोगों की ट्रामा सेंटर की मांग पूरी नहीं हुई और ना ही गुरुग्राम-अलवर हाइवे को फोरलेन किया गया।
शेरसिंह चांदोलिया, नगीना: गुरुग्राम-अलवर हाईवे पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। लोग अब इस हाइवे से गुजरने में कतराने लगे हैं। सड़कों पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाओं को लेकर मेवात के लोग चिता में है। इन दुर्घटनाओं को देखकर लोग जिला अस्पताल मांडीखेड़ा में ट्रामा सेंटर की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी लोगों की ट्रामा सेंटर की मांग पूरी नहीं हुई और ना ही गुरुग्राम-अलवर हाइवे को फोरलेन किया गया। यातायात ज्यादा होने के कारण यहां पर कई किलोमीटर का लंबा जाम भी लगना अब आम बात हो गई है। पिछले दो दशक से जो भी मुख्यमंत्री यहां पर आएं है। इस हाइवे को फोरलेन करने की बात जरूर कही है। लेकिन आज तक इन घोषणाओं को पूरा नहीं किया गया है। जुलाई 2018 से ट्रामा सेंटर और दो सौ बेड का जिला अस्पताल बनाने की प्रक्रिया धूल फांक रही है। यहां तक की सवाल उन लोगों पर भी उठने लगे हैं जो नीति आयोग की तरफ से नूंह जिले का मूल्यांकन करने में जुटे है। हालांकि नगीना क्षेत्र में ट्रामा सेंटर बनाने के लिए जमीन की तलाश स्वास्थ विभाग करने लगा है। लेकिन देरी करना जिले के लोगों के लिए अच्छे संकेत नहीं है।
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जब तक इस हाइवे को फोरलेन नहीं किया जाएगा। मेवात के लोग इसी तरह अपनी जान जोखिम में डालते रहेंगे। इस मांग को जल्द पूरा नहीं होना दुर्भाग्य की बात है।
ओमकार साहू, निवासी नगीना
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दिल्ली के बाद अलवर में हाइवे पर ट्रामा सेंटर है। जबकि 60 किलोमीटर की दूरी पर उच्चतम न्यायालय के आदेश अनुसार ट्रामा सेंटर होना चाहिए। नूंह-अलवर हाईवे पर ट्रामा सेंटर की खास आवश्यकता है।
कमल शर्मा, निवासी नगीना
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हाइवे को लेकर फोरलेन का कागजी काम तो चल रहा है साथ में ट्रामा सेंटर की प्रक्रिया भी चल रही है। लेकिन यह कार्य जल्द से जल्द हो जाएं तो मेवात के लोगों के लिए फायदा रहेगा। यहां पर हर रोज दुर्घटना हो रही है और रोज कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।
दिलबाग रीठट, निवासी नगीना
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गुरुग्राम अलवर हाईवे फोर लेन होना बहुत जरूरी है क्योंकि हमारे मेवात के हजारों लोग बेमौत मारे गए हैं। यहां पर दुर्घटना होना अब आम बात हो गई है।
लुकमान पिथोरपुरी, निवासी नगीना
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यहां पर दुर्घटनाओं का मुख्य कारण यातायात की भीड़ है। कुछ लोग यातायात व सरकार के नियमों के हिसाब से गाड़ी नहीं चलाते वह भी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। यहां पर जगह-जगह ब्रेकर भी होना जरूरी है। सड़क फोर लेन हो जाए तो यात्री पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे।
चांद सिंह, यातायात थाना प्रभारी, नूंह
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जिले में गुरुग्राम-अलवर हाईवे की घटनाओं पर एक नजर :
वर्ष दुर्घटनाएं मरे घायल
2013 303 152 198
2014 373 139 316
2015 425 141 454
2016 467 189 469
2017 545 247 544
2018 557 239 599
2019 560 237 562
2020 541 213 555
इसके अलावा इस साल भी दर्जन भर लोग इस हाईवे पर अपनी जान गवां चुके है। इसलिए फोरलेन बनना जरूरी है।