मेवात में पांच साल बाद फिर लौटा डेंगू का डंक, 17 दिनों में 25 मामले सामने आए
मेवात में लंबे समय के बाद एक बार फिर से डेंगू के डंक ने लोगों पर कहर बरपाना शुरू कर दिया है। हाल ही के 17 दिनों में इसके 25 मामले अभी तक सामने आ चुके हैं। तेजी से बढ़े मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग में हडकंप की स्थिति है।
फिरोजपुर झिरका (नूंह) [अख्तर अलवी]। मेवात में लंबे समय के बाद एक बार फिर से डेंगू के डंक ने लोगों पर कहर बरपाना शुरू कर दिया है। हाल ही के 17 दिनों में इसके 25 मामले अभी तक सामने आ चुके हैं। तेजी से बढ़े मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग में हडकंप की स्थिति है। बढ़ते मामलों को लेकर हरकत में आए जिला स्वास्थ्य विभाग ने इसकी रोकथाम हेतु 27 टीमों को मैदान में उतार दिया है। वर्तमान में सबसे अधिक मामले नूंह खंड के किरंज गांव में दर्ज किए गए हैं। विभागीय टीमों ने सभी प्रभावित गांवों में ग्रामीणों की देखरेख व उन्हें डेंगू से बचाने के लिए गांवों में डेरा जमा लिया है।
बता दें कि क्षेत्र में पिछले कई दिनों से बारिशों का दौर जारी है। बारिश के इस मौसम में जो सबसे ज्यादा खतरा पनपता है वो है मलेरिया और डेंगू का। हालाकि मलेरिया से राहत है लेकिन डेंगू ने अपना रोब दिखाना शुरू कर दिया। करीब पांच वर्षो के बाद पुन: लौटे डेंगू ने मेवात के लोगों को अपनी जकड़ में लेना शुरू कर दिया है।
अचानक आए इन मामलों से विभाग भी हैरान है। वर्ष 2016 में समुचित जिले में मात्र एक केस सामने आया था। वर्ष 2015 में इनकी संख्या दो थी। लेकिन तीन सितंबर और 20 सितंबर के बीच नूंह में 25 रोगियों की पहचान ने स्वास्थ्य विभाग के कान खड़े कर दिए। अचानक बढ़ी डेंगू रोगियों की संख्या से विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। विभाग जहां मरीजों की देखरेख में जुटा है वहीं प्रभावित गांवों में विभागीय टीमें फागिंग करने में जुटी हुई हैं।
इन गांवों में पाए गए हैं डेंगू के मरीज।
- किरंज नूंह : 12 मामले।
- खानपुर घाटी : 06 मामले।
- सूखपुरी : एक मामला।
- डूंगरान शहजादपुर : तीन मामले।
- इमाननगर : एक मामला।
- फिरोजपुर झिरका शहर : एक मामला।
जिला मलेरिया अधिकारी डा. विक्रम ने बताया कि जिले में डेंगू के मामलों में अचानक तेजी आई है। कुछ साल पहले तक यहां कोई मामला नहीं था। लेकिन बारिश के बाद पनपे इस रोग ने काफी गांवों को प्रभावित किया है। डेंगू की रोकथाम को लेकर 27 से अधिक टीमों को गांवों में उतारा गया है। प्रभावित व संवेदनशील गांवों पर पैनी नजर रखी जा रही है। डेंगू के डंक को कंट्रोल करने के लिए प्रभावित गांवों में फागिंग, स्प्रे आदि का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है।