आइटीआइ नगीना में अनुदेशकों की कमी
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नगीना अनुदेशकों की कमी से जूझ रहा है। सरकार की अनदेखी के कारण सैंकड़ों बच्चों का भविष्य राम भरोसे है। बच्चों की बार-बार शिकायत के बाद भी आइटीआइ विभाग व सरकार द्वारा नगीना आइटीआइ में अनुदेशकों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही है। जिससे बच्चों की भी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। नगीना आइटीआइ में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों ने बताया कि संस्थान में बच्चों के हिसाब से अनुदेशक कम हैं..
जागरण संवाददाता, नगीना : औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नगीना अनुदेशकों की कमी से जूझ रहा है। सरकार की अनदेखी के कारण सैंकड़ों बच्चों का भविष्य राम भरोसे है। बच्चों की बार-बार शिकायत के बाद भी आइटीआइ विभाग व सरकार द्वारा नगीना आइटीआइ में अनुदेशकों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही है, जिससे बच्चों की भी पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
नगीना आइटीआइ में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों ने बताया कि संस्थान में बच्चों के हिसाब से अनुदेशक कम हैं। फिलहाल एक अनुदेशक कई-कई सेक्शनों को पढ़ा रहा है। एक सेक्शन में 20 से 30 बच्चे तक होते हैं। यहां पर एक अनुदेशक पर करीब 100 बच्चों का भार है। ऐसे में अनुदेशक भी कार्यभार का दबाव महसूस कर रहे हैं। यही कारण भी है कि आइटीआइ कर चुके बच्चों को भविष्य में बेहतर जॉब नहीं मिल पाती। क्योंकि अनुदेशकों की कमी के कारण बच्चों को न तो पूरा तकनीकी ज्ञान मिल पाता है और न ही वे मशीनों को चलाने में कुशल हो पाते हैं। ऐसे में आइटीआइ करने वाले ज्यादातर छात्र घर पर ही रहकर अपना कामधंधा करते हैं। आइटीआइ में 650 छात्रों पर 15 अनुदेशक :
नगीना आइटीआइ में 650 छात्रों पर मात्र 15 अनुदेशक तैनात हैं। इनमें नियमित व अनुबंध आधार पर लगे अनुदेशक शामिल हैं। ऐसे में जहां ये अनुदेशक छात्रों को बेहतर शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं वहीं दूसरी ओर अधिक काम के कारण वे तनाव से भी जूझ रहे हैं। फिलहाल नगीना आइटीआइ को कुल 64 अनुदेशकों की आवश्यक्ता है। आइटीआइ में कुल 25 कर्मचारियों का स्टाफ है लेकिन इसको 132 तक करने की आवश्यकता है।
केवल नगीना ही नहीं बल्कि सभी आइटीआइ में स्टाफ की बड़ी समस्या है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है। हमें उम्मीद है कि जल्द से जल्द सभी आइटीआइ में अनुदेशकों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
हरज्ञान ¨सह, ¨प्रसिपल आइटीआइ।