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गुरुग्राम-अलवर नेशनल हाईवे बनता जा रहा है डेथ हाईवे

जिले का गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग एक ऐसा मार्ग है जिस पर दिन-प्रतिदिन हादसे बढ़ते जा रहे हैं। बढ़ते हादसों की वजह से क्षेत्र के लोग अब इसे गुरुग्राम अलवर नेशनल हाईवे नहीं बल्कि डेथ हाईवे कहने लगे हैं। ये बात कहीं न कहीं तक सच भी है..

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 07:19 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 07:19 PM (IST)
गुरुग्राम-अलवर नेशनल हाईवे बनता जा रहा है डेथ हाईवे
गुरुग्राम-अलवर नेशनल हाईवे बनता जा रहा है डेथ हाईवे

अख्तर अलवी, फिरोजपुर झिरका

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जिले का गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग एक ऐसा मार्ग है जिस पर दिन-प्रतिदिन हादसे बढ़ते जा रहे हैं। बढ़ते हादसों की वजह से क्षेत्र के लोग अब इसे गुरुग्राम अलवर नेशनल हाईवे नहीं बल्कि डेथ हाईवे कहने लगे हैं। ये बात कहीं न कहीं तक सच भी है। वो इसलिए कि यहां बीते चार सालों में करीब 1852 सड़क दुर्घटनाओं में 770 लोग मारे गए जबकि 1884 लोग घायल हो गए। मार्ग बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर क्षेत्र के लोग इस मार्ग पर अब आने जाने से भी कतराने लगे हैं। हालांकि इस मार्ग पर सफर करना लोगों की मजबूरी भी है। चूंकि जिला मुख्यालय नूंह में है और इसीलिए लोग अपने कामों को लेकर इस मार्ग पर मजबूरन सफर भी करते हैं।

दरअसल सबसे अधिक हादसे नूंह जिला मुख्यालय से फिरोजपुर झिरका की ¨सगल रूट वाली सड़क पर घटित होते हैं। सरकारी आंकड़े भी इसकी सच्चाई बयान करते हैं। वर्ष 2017 के आंकड़ों ने यहां रिकार्ड ही तोड़ दिया। यहां 2017 में 545 हादसे हुए इनमें 247 लोग मरे और 417 घायल भी हुए। हाइवे पर हुई सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े :

वर्ष 2013 सड़क दुर्घटना लोग मरे लोग घायल हुए

303 152 198

वर्ष 2014 373 139 316

वर्ष 2015 425 141 454

वर्ष 2016 467 189 469

वर्ष 2017 545 247 544

वर्ष 2018 415 (नौ माह) 193 417 यह हैं हाईवे के डेथ प्वाइंट :

गुरुग्राम-अलवर हाइवे पर नूंह से फिरोजपुर झिरका के बीच मुंडाका बॉर्डर, दोहा चौक, माहौली मोड, फिरोजपुर झिरका स्थित सुलेला मोड, धमाला मोड पीर की दरगाह के पास, पोल गांव और बॉडीकोठी के बीच, मांडीखेडा और मोहम्मदबास के बीच, भादस और कंकरखेडी के बीच, नूंह और मालब के बीच पड़ने वाली यह जगह हादसों को लेकर खासी बदनाम हैं। यहां संभलकर चलना और यातायात के नियमों का पालना करना आपको सुरक्षित घर पहुंचा सकता है। सरकारों से हर दफा मिलता है केवल आश्वासन :

गुरुग्राम-अलवर स्टेट हाईवे को जब वर्ष 2014 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग में तबदील करने की घोषणा हुई थी। नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने इसे एनएच 248ए का नाम दिया। इस घोषणा को हुए लगभग चार वर्ष से अधिक समय बीत चुका है। लेकिन इस मार्ग पर अभी तक काम शुरू नहीं हुआ। हालांकि प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इस मार्ग को गुरुग्राम के राजीव चौक से राजस्थान बॉर्डर तक फोरलाइन बनाने की घोषणा की थी। लेकिन इसे केवल नूंह जिला मुख्यालय तक चौड़ीकरण किया गया। जबकि आज भी सबसे अधिक वाहनों का दबाव फिरोजपुर झिरका और नूंह के बीच है।


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