खुद को जिदा साबित करने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही बुजुर्ग महिला
संवाद सहयोगी तावडू खंड के गांव छारोड़ा निवासी 77 वर्षीय महिला खुद को जीवित साबित करने के
संवाद सहयोगी, तावडू: खंड के गांव छारोड़ा निवासी 77 वर्षीय महिला खुद को जीवित साबित करने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है। विभाग के कुछ बेपरवाह कर्मचारियों के चलते महिला को 15 अप्रैल 2022 को मृत घोषित कर दिया गया, जिसके चलते महिला की वृद्धावस्था पेंशन भी बंद हो गई है। महिला अपनी फोटो आइडी को साथ लेकर स्वयं को जिदा साबित करने की जद्दोजहद में लगी हुई है।
मिहरी पत्नी नूर मोहम्मद निवासी छारोड़ा ने बताया कि प्रत्येक महीने की 16 या 17 तारीख को उनकी पेंशन गांव में ही खुले एक बैंक की शाखा में आ जाती थी। पेंशन दो माह से नहीं आई तो वह अपनी पुत्रवधू को लेकर स्थानीय सरल सेवा केंद्र पहुंची तो पता चला कि दस्तावेज में उनकी मृत्यु 15 अप्रैल 2022 को हो चुकी है। यह सुनकर उनके होश उड़ गए। महिला ने कहा कि वह आपके सामने खड़ी है तो मर कैसे सकती है। इसी समस्या को लेकर महिला ने स्थानीय तहसील कार्यालय,उप मंडल अधिकारी कार्यालय सहित जिला समाज कल्याण कार्यालय में भी अपने जीवित रहने के सभी दस्तावेज प्रस्तुत किए, लेकिन समाधान नहीं हो पाया। महिला ने कहा कि पिछले कई वर्षों से वह लगातार बुढ़ापा पेंशन ले रही थी। पेंशन ही उसके बुढ़ापे का एकमात्र सहारा था जो अब बंद हो चुकी है। वह अपने छोटे मोटे खर्चे व दवाएं इत्यादि ले आती थी। यह कहते हुए महिला की बूढी आंखों से आंसू छलकने लगे। महिला के आधार कार्ड नंबर को किसी ने गलती से अपने मृत्यु प्रमाण पत्र में दर्ज करा दिया होगा, जिस कारण यह समस्या हुई है। महिला नई पेंशन बहाली के लिए समाज कल्याण विभाग कार्यालय में एप्लीकेशन दे। जल्द ही मंजूरी के बाद सारी बाकी रुकी हुई पेंशन राशि भी महिला के खाते में आ जाएगी।
- सरफराज आलम ,जिला समाज कल्याण अधिकारी,नूंह